Archeological Findings in Haryana: हरियाणा के हिसार में हड़प्पाकालीन शहर के कुछ ऐसे अवशेष मिले हैं, जो इस सभ्यता के बारे में नई जानकारी दे रहे हैं। राखीगढ़ी गांव में पुरातात्विक खुदाई में 5000 साल पुराने एक विकसित शहर के सबूत मिले हैं। राखीगढ़ी गांव के 11 टीलों में से 3 टीलों की पुरातात्विक खुदाई से पता चला है कि ये हड़प्पा काल का सबसे बड़ा शहर हो सकता है। उस शहर में पांच हजार साल पहले बने घर, साफ सफाई, सड़कें, आभूषण और शवों के अंतिम संस्कार की काफी निशानियां मिली हैं। इतिहासकारों का मानना है कि राखीगढ़ी हड़प्पा काल में करीब 500 हेक्टेयर में फैली एक नगरीय बस्ती रही होगी जो सिंधु और सरस्वती नदी के किनारे बस रही थी।
Hisar, Haryana | "Rakhigarhi archeological site has 7 mounds & we've uncovered pieces of evidence of Harappan culture in all seven. Similar excavations have happened before & this is the 3rd phase," said Sanjay K Manjul, Joint Director General, ASI (Archeological Survey of India) pic.twitter.com/le4u36v2BJ
— ANI (@ANI) May 8, 2022
हड़प्पाकाल का ये शहर विलुप्त हो चुकी सरस्वती की सहायक नदी दृश्वद्वती के किनारे बसा था। टीलों की खुदाई से उस वक्त की साफ-सफाई से लेकर सड़कों के क्रमिक विकास की झलक दिखती है।
खुदाई से पता चला है कि यहां 5 हजार साल पहले ईंट की बनी नालियां थी और नालियों के ऊपर रखे मिट्टी के घड़े रखे जाते थे।
यानी हड़प्पाकालीन शहर में जल निकासी की एक विकसित प्रणाली थी।नालियों के ऊपर घड़े की तरह एक सोक पिट रखा जाता था, जो नालियों में कचरा जाने से रोकता था।
टीलों के नीचे कच्ची और पक्की ईंटों से बनी सड़कें और घरों की संरचना भी मिली है।
वहां एक चूल्हा भी मिला है, जो पांच हजार साल पुराना है। दिलचस्प बात ये है कि चूल्हे को मडब्रिक लगाकर उसका प्लेटफार्म तैयार किया गया, फिर उसमें एयरसप्लाई होती थी ताकि ये चूल्हा या भट्टी ढंग से जल सके।
टीला नंबर 7 के नीचे हड़प्पाकालीन लोगों के शवों का अंतिम संस्कार के सबूत मिले हैं। शवों के पास से तांबे की अंगूठियां और सोने के पत्तर भी मिले हैं, जो आभूषण के तौर पर प्रयोग किए जाते थे।
शवों के आसपास रखे सामानों में शेल की चूड़ियां, घड़े और बर्तन मिले हैं। इससे पता चलता है कि मरनेवालों के साथ उनका मनपसंद खाना भी रखा जाता था।
हाल की ताजा खुदाई के दौरान वहां दो महिलाओं के शव मिले हैं। इन महिलाओं के पास से जो सामान मिले हैं उनमें हड़प्पाकाल की सारी पॉटरी और खिलौने हैं।
खुदाई में वहां कॉपर का एक आईना भी मिला है।
वहां फिलहाल सात टीले हैं, जहां खुदाई होनी बाकी है। बहरहाल, भारत सरकार ने राखीगढ़ी को हड़प्पाकाल की आइकॉनिक साइट का दर्जा दिया है। यहां एक म्यूजियम भी बनाया गया है जो कुछ दिन बाद आम लोगों के लिए भी खोला जाएगा।