Home हिंदी खबरे हाई-वे की स्ट्रीट लाइट बनी शोपीस

हाई-वे की स्ट्रीट लाइट बनी शोपीस

0

जगह-जगह नाली का काम अधूरा : निर्माण के बाद से ही नहीं की गई सफाई
गोंदिया : राष्ट्रीय महामार्ग पर देवरी, साकरीटोला, आमगांव, मुल्ला, हरदोली, अंजोरा जैसे गांवों में हाईमास्ट लाइट लगाई गई है. लेकिन साकरीटोला में लगाई गई हाईमास्ट लाइट पिछले एक वर्ष से बंद रहने की वजह से सिर्फ शोपीस साबित हो रही है.
नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया व शिवालय कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा आमगांव के मुख्य मार्ग का नवीनीकरण का काम शुरू है. नेशनल हाइवे पर देवरी से आमगांव एनएच क्र.543 का 38.2 कि.मी. का काम पुणे की एम.बी. पाटिल कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया है. इस काम की लागत लगभग 294.4 करोड़ रु. है. इस मार्ग का काम अंतिम चरण में है. राष्ट्रीय महामार्ग पर जिन गांवों के चौराहों में हाईमास्ट लाइट लगी है और जहां स्टेट लाइट लगी है, उन गांवों के लोगों को स्टेट लाइट व हाईमास्ट लाइट लगने का बेसब्री से इंतजार है. इन दिनों स्ट्रीट लाइट के खंबों पर विज्ञापन के पोस्टर दिखाई दे रहे हैं. इस मार्ग के दोनों तरफ पानी बहने नाली का निर्माण भी किया गया है. नाली निर्माण घटिया दर्जे का होने की वजह से निर्माण के समय से ही सवाल उठाए जा रहे थे. नाली की साइज कहीं काफी छोटी कर गई है तो कहीं पर बड़ी कर दी गई हैं. इस मार्ग का काम तो करीब-करीब खत्म हो गया है. लेकिन नाली का काम कई जगह अधूरा पड़ा हुआ है. नाली निर्माण खत्म होने से पहले ही कंस्ट्रक्शन कंपनी के कर्मचारी गायब हो गए हैं. इन नालियों के निर्माण के बाद सफाई करना जरुरी था. बगैर सफाई नालियों को बंद कर दिया है. जहां पर नाली खुली रखी गई है, वहां लोगों द्वारा कचरा फेंका जा रहा है. इस वजह से परिसर के लोगों को दुर्गंध का सामना करना पड़ रहा हैं.

आमगांव-देवरी महामार्ग पर पिछले एक वर्ष समे साकरीटोला में स्ट्रीट लाइट व कुछ गांवों में हाईमास्ट लाइट लगी हुई हैं. लेकिन ये बंद होने की वजह से शोपीस साबित हो रही हैं. इस मार्ग का काम पूरा होने से वाहनों की गति बढ़ गई है. ऐसे में आबादी वाले क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट व हाईमास्ट को शुरू करना जरूरी हैं.
वंदना काले, जिला अध्यक्ष, जिप सदस्य व जिला कांग्रेस महिला आघाड़ी अध्यक्ष

error: Content is protected !!
Exit mobile version