
घटिया दर्जे का निर्माण से शासन को करोड़ों रुपए की चोट
सुभाष सोनवाने
चिचगड-देवरी :– गांव-गांव में कूड़े का सही प्रबंधन हो तथा रासायनिक खाद पर निर्भरता कम करने के साथ ही किसान की आय भी बढ़े इसके लिए सरकार द्वारा मनरेगा के अंतर्गत गांव-गांव नाडेप कम्पोस्ट टंकी बनाने का कार्य शुरू हैं लेकिन जिले के आदिवासी बहुल देवरी तहसील में मनरेगा के अंतर्गत बन रहे नाडेप कम्पोस्ट टंकी ना सिर्फ़ घटिया दर्जे के है बल्कि इसके निर्माण में नियमों तक को ताक पर रख दिया गया है।
विदित हो गत वर्ष देवरी तहसील के फुक्कीमेटा,देवाटोला,वडेगांव,मुल्ला तथा ओवारा ग्राम पंचायत में मनरेगा के अंतर्गत हजार से अधिक नाडेप कम्पोस्ट खाद टंकी का निर्माण किया गया है और अभी परसोडी,नकटी,केशोरी,कन्हाळगांव ,पलानगांव,शेरपार ई गांवो में हजारों नॅडेप कम्पोस्ट खाद टंकी का निर्माण शुरू हैं लेकिन निर्माण कि गुणवत्ता निम्न स्तर की और तय मानकों के अनुरूप नहीं होने की वजह से उक्त परियोजना में प्रथमदृष्टया भारी भ्रष्टाचार का मामला नज़र आ रहा है।इस संबंध में जांच पड़ताल करने के बाद जो जानकारी प्राप्त हुई है उससे पता चलता है कि करोड़ों रुपए के इस घोटाले में संबंधित ग्रामों के ग्राम सेवकों, सरपंचों सहित मनरेगा के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है और संघठीत रूप से इस घोटाले द्वारा सरकार को करोड़ों रुपए कि चोट दी गई है।
ऊपर तक जुड़े है तार..
तहसील के दुर्गम और आदिवासी बहुल नकटी,परसोडी,पिपरखारी जैसे अनेक ग्रामपंचायतों में टंकी निर्माण के नाम पर महज़ खानापूर्ति कि जा रही है ।
निर्माण में भ्रष्टाचार और भारी अनियमितता की शिकायतों के बावजूद संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा अनदेखी व अभी तक इसपर किसी किस्म की जांच-पड़ताल अथवा कार्यवाही नहीं करने की वज़ह से प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहें हैं।
यहां उल्लेखनीय है कि इसी योजना के अंतर्गत पहले 5 ग्राम पंचायतों में बने नाडेप कम्पोस्ट खाद टंकी निर्माण में भारी गड़बड़ी और निम्न स्तर की गुणवत्ता की शिकायतों के बावजूद बगैर किसी जांच पड़ताल अथवा कार्यवाही के निर्माण सामग्री, मज़दूरी ई का भुगतान कर दिया गया तथा बाकी के ग्रामपंचायतो में नियमों तथा मानकों को नजरंदाज कर धड़ल्ले से घटिया दर्जे के टंकियों का निर्माण शुरू हैं जिसके चलते इस घोटाले के तार ऊपर तक पहुंचने का अंदाजा है।संपूर्ण तहसील में चर्चा का विषय बने इस प्रकरण की गंभीरता से जांच कर दोषियों को सजा देने की मांग क्षेत्र के नागरिकों द्वारा कि जा रही है।
क्या है नाडेप कम्पोस्ट खाद..?
नाडेप कंपोस्ट गोबर से बना जैविक खाद हैं , इसे बनाने की यह विधि ग्राम पुसर, जिला यवतमाल, महाराष्ट्र के नारायण देवराव पंढ़री पांडे द्वारा विकसित की गई है।
नाडेप कंपोस्ट बनाने की प्रक्रिया में जमीन में एक टंकी बनाई जाती है जिसमें गोबर , जैविक कचरा और मिट्टी की प्रक्रिया द्वारा जैविक खाद का निर्माण किया जाता है।
इस विधि में कम से कम गोबर का उपयोग करके अधिक मात्रा में अच्छी खाद तैयार की जा सकती है। देश की कई राज्यों की सरकार द्वारा किसानों को महंगी और प्राकृति के लिए नुकसानदायक रासायनिक खाद कि बजाय जैविक खाद के प्रयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनरेगा के अंतर्गत नाडेप कम्पोस्ट खाद टंकी बनवाया जा रहा है।