
गेंदिया – गायत्री शक्तिपीठ गोंदिया में प्राकृतिक चिकित्सा शिविर का दिनांक 7 जुलाई से 11 जुलाई 2024 तक आयोजन किया गया इस शिविर को संपन्न करने के लिये परम पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य की जन्म भूमि आवल खेड़ा उत्तर प्रदेश से नेचुरोपैथी के विशेषज्ञ 11 भाई बहनों की टीम गायत्री शक्तिपीठ गंदिया में पहुंची थी. शिविर में प्राकृतिक उपचार के साथ विशेष जानकारीयुक्त उद्बोधन भी हुए. उद्बोधन में विशेषज्ञ बता रहे थे की, बीमारियां चाहे कितनी भी पुरानी हो और दवाइयां से ठीक नहीं हो रही हो तो उसे नेचुरोपैथी पद्धति से समूल नष्ट हो जाती है. शर्त केवल यह है कि रोगी पूर्ण आस्था और विश्वास के साथ दिए गए मार्गदर्शन पर चले. शिविर में यह भी बताया गया कि हमारा शरीर पंचतत्व से मिलकर बना हुआ है जिसमें मिट्टी, जल, अग्नी, वायू और आकाश तत्व मिला है. अतः इन तत्वों के निकट संपर्क में रहने पर हम स्वस्थ एवं ऊर्जावान बने रह सकते हैं और इसका प्रैक्टिकल शिविर में करके समझाया और बताया गया. चिकित्सा शिविर के माध्यम से सभी साध्य एवं असाध्य बीमारियों का उपचार जैसे~ मधुमेह, बीपी, हृदय रोग, सर दर्द, कब्ज, गैस, एसिडिटी, अपचन, बवासीर, रक्त की कमी, मोटापा, लकवा, मूत्र रोग, स्नायु तंत्र के रोग, लीवर के रोग, दुर्बलता, वात पित्त कफ के रोग, खांसी, बुखार, दमा, नाक कान गले के रोग, चर्म रोग, गठिया, कमर और कंधों का दर्द ,आदि अनेक रोगों में स्थाई लाभ नेचुरोपैथी के माध्यम से होता है और इस शिविर में यह बात साबित करके बताई गई. इस शिविर में 65 भाई बहनों ने भाग लिया उन्होंने कार्यक्रम के अंत में अपने-अपने अनुभव का माइक पर जाकर बताए सभी भाई बहनों ने अपने-अपने लाभ बताएं एवं चिकित्सा शिविर के बताए हुए भोजन व्यवस्था को अपने-अपने घर में पालन करने हेतु आश्वासन भी दिया भोजन स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पौष्टिक भी था इस शिविर में विभिन्न चिकित्सा जैसे नश्य पुरण चिकित्सा, कल्प चिकित्सा, अग्निहोत्र चिकित्सा, आहार चिकित्सा, जल चिकित्सा, मिट्टी चिकित्सा, शंख प्रचालन, स्टीम बाथ चिकित्सा, योग निद्रा चिकित्सा, गरम पाद स्नान, सूर्य स्नान चिकित्सा, योग चिकित्सा, जल नेति, वमन, फाल लपेट, कंबल लपेट चिकित्सा, आदि चिकित्सा कराई गई. इस चिकित्सा शिविर में विशेषज्ञों के द्वारा समय-समय पर उद्बोधन के माध्यम से कैसे रहना, क्या खाना, कब खाना, कब सोना, कब उठाना, किस रोग में किस प्रकार इलाज किया जाए संपूर्ण जानकारी दी गई. यह चिकित्सा शिविर में 65 भाई बहनों ने भाग लिया और पूर्ण तया संतुष्ट होकर रोग में आराम हुआ ऐसी जानकारी दी और अगले शिविर के लिए आने का निमंत्रण भी दिया गया. यह शिविर उत्साह पूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ.