इंडियन प्रीमियर लीग (Indian Premier League) का 13वां सीजन शनिवार 19 सितंबर से शुरू हो गया है और इसी के साथ सट्टेबाजी (IPL Betting) का बाजार भी शुरू हो चुका है. गुरुग्राम (Gurugram) के आसपास मौजूद सट्टेबाजों की मानी जाए तो मौजूदा विजेता मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) सट्टेबाजों की पहली पसंद है और उस पर 4.90 रुपये का भाव है, जबकि मुंबई के बाद सनराइजर्स हैदराबाद (Sunrisers Hyderabad) है जिस पर 5.60 रुपये का भाव है. यूएई (UAE) में होने वाले आईपीएल (IPL 2020) के शुरू होने से कुछ दिन पहले ही गुरुग्राम पुलिस ने अपनी सभी यूनिटों को सट्टेबाजों पर नजर रखने को कहा है.महाराष्ट्र मे जमकर सटोरियोनी खेल की सुरवात की है.
गुरुग्राम पुलिस ने अपनी इंटेलिजेंस विंग, क्राइम ब्रांच यूनिट और सभी जिलों के स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) को सट्टेबाजों पर नजर रखने के लिए कह दिया है और अपराधियों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने को कह दिया है. वहीं दूसरी तरफ सट्टेबाजों ने पुलिस की नजर से दूर रहते हुए काम शुरू कर दिया है. मुंबई इंडियंस की पिछले प्रदर्शन को देखते हुए उन्होंने रोहित शर्मा (Rohit Sharma) को अपना पसंदीदा खिलाड़ी चुना है.
Rajasthan Royals से उम्मीदें सबसे कम
नाम न छापने की शर्त पर एक सट्टेबाज ने बताया, “IPL में मुंबई इंडियंस की मौजूदा कीमत 4.90 रुपये है. उनके बाद सनराइजर्स हैदराबाद हैं जिसकी कीमत 5.60 रुपये है. इसके बाद चेन्नई सुपर किंग्स (Chennai Super Kings) पांच रुपये, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (Royal Challengers Bangalore) को 6.20 रुपये, दिल्ली कैपिटल्स (Delhi Capitals) 6.40 रुपये, कोलकाता नाइट राइडर्स (Kolkata Knight Riders) 7.80 रुपये, किंग्स इलेवन पंजाब (Kings XI Punjab) 9.50 रुपये और राजस्थान रॉयल्स (Rajasthan Royals) 10 रुपये के हिसाब से है.”
सट्टेबाज ने बताया, “जिस टीम की कीमत सबसे कम होती है उसे काफी मजबूत माना जाता है. अगर कोई मुंबई इंडियंस पर 1,000 रुपये लगाता है कि मुंबई जीतेगी और मुंबई जीत जाती है तो उसे 4,900 रुपये मिलेंगे. मैच रेट ऊपर-नीचे हो सकते हैं.”
सट्टेबाज ने उनके लिए IPL के महत्व को समझाते हुए कहा, “IPL हमारे लिए और हमारे क्लाइंट के लिए बड़ा टूर्नामेंट है और इसका रद्द होना बड़ा झटका लगता है. कई लोग इन मैचों के लिए पैसा इकट्ठा करते हैं ताकि वो उधार चुका सकें और यह पैसा व्यवसाय में लगा सकें.”
गुरुग्राम में कई सट्टेबाजों ने ली शरण
मेट्रोपोलिटन सिटी और छोटे शहर जैसे गुरुग्राम में सट्टेबाजी के बड़े गढ़ बन चुके हैं. IPL में करोड़ों रुपये का सट्टा लगता है, लेकिन पुलिस इन लोगों पर लगाम लगाए रखने के लिए काफी सख्त है. सूत्रों की मानें तो कई सट्टेबाजों ने, जिनमें आगरा के श्याम वोहरा और उनके पिता वत्सल वोहरा का नाम शामिल है, गुरुग्राम में शरण ले ली है, क्योंकि दिल्ली और नोएडा में पुलिस की ज्यादा सख्ती है.
इंफॉर्मेशन ब्यूरो (आईबी) के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “सट्टेबाज श्याम वोहरा का नेटवर्क उत्तर प्रदेश और राजस्थान में है. यह बाप-बेटों का जोड़ा अपना सट्टेबाजी का कारोबार चलाने के लिए शहर में छुपा हुआ है. इसके अलावा कई राज्यों के सट्टेबाज शहर के बाहरी इलाकों में छुपे होंगे. IPL मैचों में 40 करोड़ का सट्टा लगाए जाने का अनुमान है.”
इस तरह लगता है क्रिकेट सट्टा
‘सेशन एक पैसे का है, ‘मैने चव्वनी खा ली है ‘डिब्बे की आवाज कितनी है ‘तेरे पास कितने लाइन है, ‘आज फेवरिट कौन है, ‘लाइन को लंबी पारी चाहिए. कहने को ये सिर्फ चंद ऊटपंटाग अल्फाज़ लगे, लेकिन इनके बोलने में करोड़ों का लेनदेन हो रहा है।
कैसे लगाया जाता है सट्टा
सट्टे के खेल में कोड वर्ड का इस्तेमाल होता है। सट्टे पर पैसे लगाने वाले को फंटर कहते हैं। जो पैसे का हिसाब किताब रखता है , उसे बुकी कहा जाता है। सट्टा लगाने वाले फंटर 2 शब्द खाया और लगाया का इस्तेमाल करते हैं। यानी किसी टीम को फेवरिट माना जाता है तो उस पर लगे दांव को लगाना कहते हैं ऐसे में दूसरी टीम पर दांव लगाना हो तो उसे खाना कहते हैं। इस खेल में डिब्बा अहम भूमिका निभाता है।
डिब्बा मोबाइल का वह कनेक्शन है , जो मुख्य सटोरियों से फंटर को कनेक्शन देते हैं। जिस पर हर बॉल का रेट बताया जाता है। पूरे आईपीएल के दौरान डिब्बे का कनेक्शन ढाई से 3 हजार में मिलता है। डिब्बे का कनेक्शन एक खास नंबर होता है , जिसे डायल करते ही उस नंबर पर कमेंट्री शुरू हो जाती है। सट्टा आईपीएल मैच में 2 सेशन में लगता है। दोनों सेशन 10-10 ओवर के होते हैं।
कैसे मिलता है रेट ?
डिब्बे पर अगर किसी टीम को फेवरेट मानकर डिब्बा उसका रेट 80- 83 आता है तो इसका मतलब यह है कि फेवरेट टीम पर 80 लगाओगे तो 1 लाख रुपये मिलेंगे और दूसरी टीम पर 83 लगाओगे तो 1 लाख रुपये मिलेंगे।
कैसे लगाया जाता है सट्टा
सट्टे के खेल में कोड वर्ड का इस्तेमाल होता है। सट्टे पर पैसे लगाने वाले को फंटर कहते हैं। जो पैसे का हिसाब किताब रखता है , उसे बुकी कहा जाता है। सट्टा लगाने वाले फंटर 2 शब्द खाया और लगाया का इस्तेमाल करते हैं। यानी किसी टीम को फेवरिट माना जाता है तो उस पर लगे दांव को लगाना कहते हैं ऐसे में दूसरी टीम पर दांव लगाना हो तो उसे खाना कहते हैं। इस खेल में डिब्बा अहम भूमिका निभाता है। डिब्बा मोबाइल का वह कनेक्शन है , जो मुख्य सटोरियों से फंटर को कनेक्शन देते हैं। जिस पर हर बॉल का रेट बताया जाता है। पूरे आईपीएल के दौरान डिब्बे का कनेक्शन ढाई से 3 हजार में मिलता है। डिब्बे का कनेक्शन एक खास नंबर होता है , जिसे डायल करते ही उस नंबर पर कमेंट्री शुरू हो जाती है। सट्टा आईपीएल मैच में 2 सेशन में लगता है। दोनों सेशन 10-10 ओवर के होते हैं।
बात हो रही है आईपीएल पर सट्टे बाजार की। पूरे मुल्क में इन दिनों करोड़ों का सट्टा लग रहा है।
हाल में पकड़े गए शख्स नितिन से पुलिस पूछताछ में इसका खुलासा हुआ। जऱाए के मुताबिक सट्टे के खेल में स्टूडेंट्स को ज्यादा शामिल किया जा रहा है।
क्रिकेट के सट्टे का बड़ा गढ़ बन चुके अपने शहर में आईपीएल की खव्वाली चरम पर है। आईपीएल के लिए इस बार एक या दो नहीं, बल्कि चार दर्जन ठिकानों पर बुकी दांव लगवा रहे हैं। मैच शुरू होने से पहले ही सभी 8 टीमों के रेट जारी कर दिए गए। साथ ही टॉप टू प्लेयर भी घोषित किए गए हैं। हालांकि अभी सीरीज की शुरुआत है, इसलिए इन भावों में बदलाव होना लाजमी है। इस बार सट्टे के प्रति लोगों में क्रेज ज्यादा दिखाई दे रहा है। अभी भावों में उतार-चढ़ाव आता रहेगा। इस बार महानगर में सबसे ज्यादा पचास के करीब ऐसे ठिकाने हैं, जहां से क्रिकेट का सट्टा लगवाया जा रहा है।
इस खेल की ज़ुज़ान भी अजीबो गरीब है। सट्टा लगाने वाले शख्स को लाइन कहा जाता है, जो एजेंट यानी पंटर के ज़रिये से बुकी (डिब्बे) तक राबिता करता है।
एजेंट को एडवांस देकर अकाउंट खुलवाना पड़ता है, जिसकी एक लिमिट होती है। सट्टे के भाव को डिब्बे की आवाज बोला जाता है। आईपीएल क्रिकेट में सट्टेबाज 20 ओवर को लंबी पारी, दस ओवर को सेशन और छह ओवर तक सट्टा लगाने को छोटी पारी खेलना कहते हैं।
मैच की पहली गेंद से लेकर टीम के जीत तक भाव चढ़ते उतरते हैं। एक लाख को एक पैसा, 50 हजार को अठन्नी, 25 हजार को चवन्नी कहा जाता है।
जीत तक भाव चढ़ते उतरते हैं। एक लाख को एक पैसा, 50 हजार को अठन्नी, 25 हजार को चवन्नी कहा जाता है। अगर किसी ने दांव लगा दिया और वह कम करना चाहता है तो फोन कर एजेंट को ‘मैंने चवन्नी खा ली कहना होता है। खास बात यह है कि यह पूरा नेटवर्क जदीद मुवसलाती निज़ाम लैपटॉप, मोबाइल, वाइस रिकार्डर वगैरह पर ही चल रहा है। एहतियात इतनी बरती जाती है कि एक बार कोई मोबाइल नंबर यूज हो गया तो उसे दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जाता।