धान उत्पादक किसानों के साथ केंद्र सरकार की ओर से निचले स्थर की मजाक-पूर्व सासंद बोपचे

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गोंदिया,दि.०५ः आये दिन भारत सरकार ने आने वाले 2025 के खरीप फसल के लिए जो msp जाहीर किया यह धान उत्पादक किसानों के साथ धोका ओर माजक ही है l MSP ( minimum support Price ) निकालते के समय उन फसलो का उत्पादक खर्च ध्यान में रखते हुये msp जाहीर किया जाता है l धान उत्पादक किसानों के संदर्भ में भारत सरकार ने इन बातो को नजर अंदाज करते हुये किसानों के जले पे नमक छीडकणे का प्रयास किया है ऐसा मेरा आरोप है क्योंकी धान के फसल में फर्टीलाझर (खत ) जिसकी किमत देड पट हो गयी मजदूरी देड गुन्ना बड गयी दवा दो गुन्ना हो गयी टॅक्टर का किराया दाम बड गया क्योंकी डिझल के दाम बड गये तो अब खेती नये तरिकेसे किसान को करणा पड रहा है तो धान का उत्पादन खर्च देड गुन्ना बड गया और इसलिये भारत सरकार ने डबल मुनफा देणे की बात कही थी वो तो छोड दिया तभी वास्तविक खर्च किसान का देड गुन्ना बड जाता है और इसलिये सुपर फाईन धान का 5000 हजार रुपया ब वर्ग का 4 हजार रुपया और क वर्ग का 3हजार रुपया msp जाहीर करते समय में विचार करणे की आवश्यकता थी मगर धान की msp जाहीर करते समय में मात्र 69 रुपये की बढोतरी करके किसानों के साथ में भारत सरकार ने बहोत बडा माजक किया l अभि 2369 रुपये दिया जायेगा l यह उत्पादन खर्च के आधार पर हो नहीं सकता l इस लॉलीपॉप से धान उत्पादक किसानों की समस्या हल नहीं हो सकती l इसलिये केंद्र सरकार ने गंभीरता से इस बात को लेकरं नयी घोषणा करणी चाहिये अन्यथा धान उत्पादक किसानों को जागृत कर व्यापक आंदोलन करना पडेगा जिसके परिणामो की जवाबदारी भारत सरकार की रहेगी l मा. पंतप्रधान मोजी जी इनोने 2014 में यह कहा था की हमारी सरकार आयेगी तो हम पहले 5 साल में उत्पादन खर्च के देड गुन्ना देंगे और दुसरे पंच वार्षीक में उसको दो गुन्ना मुनफा देणे की बात पंतप्रधान मोदी जी ने की थी l भारत के धान उत्पादक किसानों के तरफ से उनको इस बात की याद दिलाते है..
डॉ. खुशाल बोपचे
अध्यक्ष अखिल भारतीय ओबीसी बहुजन महासंघ.
पूर्व सांसद भंडारा लोकसभा महाराष्ट्र.