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‘माहेर घर’ से महिलाओं को सुरक्षित मातृत्व-डाॅ.जायस्वाल

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नागपुर,2 नवबंर-. ग्रामीण और दुर्गम भागों में गर्भवती महिलाओं को समय पर एम्बुलेंस नहीं मिलना, सड़कों की खराब हालत जैसी अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता था. कई बार अस्पताल पहुंचने से पहले ही डिलीवरी हो जाती थी. दुर्गम, नक्सल आदिवासी क्षेत्रों की समस्या को ध्यान में रखते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने ‘माहेर घर’ की संकल्पना को साकार किया. इसके तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसूता को रखा जाता है. उसकी सम्पूर्ण देखभाल की जाती है. इस योजना के तहत अब तक विभाग में 6000 महिलाओं को सुरक्षित मातृत्व का सुख प्राप्त हुआ है. यह जानकारी सार्वजनिक स्वास्थ्य उपसंचालक डा. संजीव जायस्वाल ने दी.

डा. जायस्वाल ने बताया कि गड़चिरोली, गोंदिया और चंद्रपुर में 51 ‘माहेर घर’ तैयार किए गए हैं. पिछले 3 वर्षों में 6068 महिलाओं को सुरक्षित मातृत्व मिला है. हर वर्ष 2000 से अधिक महिलाओं को योजना का लाभ मिल रहा है. सुरक्षित मातृत्व के लिए सुविधा प्रदान करते हुए केंद्र परिसर में ही पृथक व्यवस्था की गई है. महिलाओं के साथ रहने वाले व्यक्ति को भी भोजन उपलब्ध कराया जाता है. इतना ही नहीं एक सहायक के रूप में रहने वाली महिला या पुरुष को दैनिक मजदूरी के रूप में 100 रुपये भी दिए जाते हैं.

विभाग में तैयार किए गए ‘माहेर घर’ में गोंदिया जिले में 13, चंद्रपुर 7 और गड़चिरोली जिले में 31 बनाए गए हैं. विभाग में औसतन 98 फीसदी डिलीवरी स्वास्थ्य केंद्र और अस्पतालों में ही हो रही है. इससे स्वास्थ्य के खतरे की संभावना भी कम रहती है. साथ ही उपयुक्त उपचार समय पर मिल पाता है. सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग की ओर से मुफ्त निदान योजना के अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 25, ग्रामीण अस्पतालों में 33 और जिला अस्पतालों में 45 तरह की जांच मुफ्त में की जाती है. इस अवसर पर जिला सूचना अधिकारी अनिल गडेकर उपस्थित थे.

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