गोंदिया,20 मार्च: महाराष्ट्र सरकार द्वारा वर्ष 2012-13 से अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के तहत नामांकित अंग्रेजी स्कूलों में 25 फीसदी कमजोर एवं वंचित वर्ग के बच्चों को प्रवेश अनिवार्य किया गया है. लेकिन संस्थाओं को पिछले दो वर्ष की प्रतिपूर्ति राशि वितरित ही नहीं की गई है. नतीजतन संस्था संचालकों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. संस्थाओं का करीब 10 करोड़ रु. बकाया है.
इस विषय को लेकर वेस्टा (विजनरी इंग्लिश स्कूल एसोसिएशन) के एक शिष्टमंडल ने गोंदिया के विधायक विनोद अग्रवाल एंव शिक्षाधिकारी से मुलाकात कर अंग्रेजी माध्यम की स्कूल के बकाया तत्काल दिलाने की मांग की. इस दौरान विधायक अग्रवाल ने बताया कि इस विषय को राज्य के शिक्षण सचिव के पास रखा जाएगा. विधायक ने संस्थाओं का बकाया दिलाने प्रयास करने का आश्वासन दिया. इस दौरान राज्य के शालेय शिक्षण एवं क्रीड़ा मंत्री के नाम का ज्ञापन भी विधायक को सौंपा गया. संस्था संचालकों ने यह भी संदेश दिया कि यदि सरकार हर वर्ष आरटीई की राशि का भुगतान नहीं करती है तो अगले वर्ष से आरटीई के प्रवेश देना बंद कर दिया जाएगा. इस शिष्टमंडल में वेस्टा के जिला अध्यक्ष सीताराम अग्रवाल, सचिव डॉ. चरणसिंह जुनेजा, उपाध्यक्ष दिलीप जैन, सहसचिव प्रा.आर.डी.कटरे, स्वामी, चेतन बजाज, भुवनकुमार बिसेन, शिवेंद्र येडे, मुकेश अग्रवाल, सुनीता ठाकुर का समावेश था.
सहसचिव प्रा.आर.डी.कटरे ने बताया कि आरटीई अंतर्गत मिलने वाली राशि में से 50 फीसदी राशि शैक्षणिक सत्र शुरू होने तथा 50 फीसदी राशि सत्र समाप्ति के समय दी जानी चाहिए. जिन स्कूलों द्वारा समय पर आरटीई कागजातों की पूर्ति गई है, ऐसे स्कूलों को तत्काल आरटीई की रकम दी जानी चाहिए. जिन स्कूलों को 25 फीसदी राशि नहीं दी गई है, वे तत्काल कागजातों की पूर्ति कर प्रस्ताव पेश करें.