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ढोरया नाले का पुल ढहा

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आंजनबिहरी और ब्रम्हनी का संपर्क टूटा, पठारवासियों में आक्रोश

विवेक सेलोकर
बालाघाट-1 जुलाई की शाम ढोरया नाले पर बना वर्षो पुराना पुल पहली ही बारिश के पानी के तेज बहाव से टूट गया। हालांकि किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई लेकिन पुल टूट जाने से आंजनबिहरी और ब्रम्हनी के बीच का सड़क संपर्क टूट गया। जिससे आम जनजीवन पर खासा असर पड़ा है। वहीं इस घटना के बाद पठारवासियों में आक्रोश देखा जा रहा है। उनका कहना है कि पूर्व में ही शासन और प्रशासन को इस बारे में आगाह कराया गया था लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। जिससे आज यह परिणाम देखने को मिल रहा है। जिससे क्षेत्रीय लोग शासन और प्रशासन से खासे खफा है। वहीं घटना के बाद एसडीएम, तहसीलदार और स्थानीय पुलिस प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए है।
पठारवासी पुल बहने के लिए लगातार यहां से निकाली जा रही तेज को इसका कारण बता रहे है उनका कहना है कि अत्यधिक रेत खनन से पुलिया का जुड़ाव खत्म हो गया और पहली ही बारिश के तेज पानी में वह बह गया। पठार क्षेत्र के ग्राम आंजनबिहरी और बम्हनी को जोड़ता यह पुल 25 वर्ष पूर्व बना था। जो 1 जुलाई को भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से ढह गया है। जिसके कारण पठार क्षेत्र के गांवो का संपर्क टुट गया है। बताया जाता है कि इस पुलिया के ढहने के कुछ देर पहले ही एक निजी यात्री बस यहां से निकली थी। जबकि दूसरी बालाघाट से गोरेघाट जाने वाली बस गुजरने वाली थी। इससे पूर्व ही यह हादसा हो गया अन्यथा कोई बड़ी जनहानि हो सकती थी। क्षेत्रीय लोगों की मानें तो यदि इस पुल के ढहने की घटना से शासन, प्रशासन ने सबक नहीं लिया तो इसी क्षेत्र में हरदोली-बोनकट्टा को जोड़ता पुल भी कभी भी बह सकता है। जिसके भी बहने की आशंका बनी हुई है।
बताया जाता है कि घटना से कुछ समय पूर्व क्षेत्र की समस्याओं के लिए संघर्षरत पठार संघर्ष समिती द्धारा शासन-प्रशासन को ज्ञात करवाया गया था

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