गोंदीया/गर्रा दि22-कला यह एक भगवान से मिला एक वरदान के स्वरुप माना जाता है । कला को हम एक नजरिए से नशा भी कह सकते है । क्युकी कला के प्रति काफी उत्सुकता के साथ हमे रुचि भी अधिक होती हैं। कला यह कठोर परिश्रम की एक निशानी भी मानी जाती हैं। जिसके लिए काफी मेहनत और त्याग भी करना पड़ता है। और कला यह विषय में इंसान का दिमाग का सबसे ज्यादा उपयोग होता है। घर में अनेक से ऐसी चीजे होती हैं जिनका उपयोग नहीं होने पर उसे हम फेक देते है परन्तु उन चीज़ों को कैसे हम अच्छे उपयोग में लाकर उनका सही इसतेमाल कर सकते है । गोंदिया की बालिका पल्लवी कटरे ने शानदार हस्तकला द्वारा बनाई गई कलाकृति पेश की है जो की एक कला का रूप है। कला यह विषय बाकी सभी विषयों से अलग विषय होता है । कला में हमे कठोर परिश्रम के साथ ही धैर्य की भी आवश्यकता होती हैं । घर पर रखी हुई बेकामों की चीज़ों का कैसे सही उपयोग किया जा सकता है इसके लिए पल्लवी कटरे ने एक काफी अच्छा तरीका बताया है और उन्होंने इस प्रकृति के सौंदर्य की मिशाल पेश की है। कुछ ऐसी चीजे जिनका उपयोग नहीं किया जा सकता ऐसे चीज़ों को इस्तेमाल कर सजावट के लिए साथ ही अनेक कामों के उपयोग के लिए उन चीज़ों का हम अच्छे कर्मो इस्तेमाल कर सकते हैं । इस विषय पर पल्लवी कटरे से चर्चा की गई जिसपर उन्होंने अपने शब्दो में कहा की मुझे बचपन से ही कला के विषयों में रुची रही थी। यदि किसी चीज का उपयोग न होने लगे तो वह बिना कामों की चीज़ों में से होती हैं ऐसे चीज़ों को लेकर उनमें कलाकृति कर उसका उपयोग और उसकी महत्वता को बढ़ाने में काफी दिलचस्पी रहती है,ऐसा उन्होंने कहा ।
पल्लवी कटरे की हस्तकला बनी प्रकृति के सौंदर्य की मिशाल
घर में पड़े बेकामो की वस्तुओं से बनाएं अलग अलग उपक्रम