आरएसएस के एजेंडेवाली 58 वर्षों की मनुवादी सत्ता परिवर्तन के लिए मैदान में- एड वीरेंद्र जायसवाल

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गोंदिया। नागपुर पदवीधर मतदार संघ से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे वीरेंद्र जायसवाल ने अपने कार्यालय में 18 नवंबर को आयोजित पत्रकार परिषद में जानकारी देते हुए बताया कि नागपुर पदवीधर विधान परिषद की सीट पर गत 58 वर्षों से मनुवादियों की सत्ता बनी हुई है।जिसमें अब तक आर.एस.एस मुख्यालय का व्यक्ति ही चुनाव जीत कर आने पर पदवीधर मतदाताओं की समस्याओं को हल ना कर सिर्फ आर.एस.एस के एजेंडे पर ही कार्य करता है। 6 वर्षों में मिलने वाली 18 करोड़ की विकास निधि व अन्य निधि कहां खर्च होती है इसका आज तक पता नहीं है। लेकिन अब उनके मैदान में उतरने से इन ताकतों को हराकर पदवीधर मतदाताओं के हितों के प्रश्न सदन में रखकर उन्हें हल करने का कार्य करेंगे। जिसमें एक बार पदवीधर का नाम मतदाता सूची में शामिल हो गया वह हमेशा मतदाता बने रहेंगे। सविधान में जब अन्य चुनाव में एक बार मतदाता का नाम पंजीयन हो जाता है तो इसके लिए अलग से यह नियम क्यों इस नियम में बदलाव लाना उनकी प्राथमिकता रहेंगी। अब तक सिर्फ नागपुर का उम्मीदवार ही चुनाव में विजयी होता आया है। लेकिन अब गोंदिया- भंडारा- गडचिरोली -चंद्रपुर से एकमात्र उम्मीदवार के रूप में वह मैदान में है। विगत 40 वर्षों से पत्रकारिता, राजनीति, के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। जिसका उन्हें एक लंबा अनुभव है। जिसका लाभ पदविधर मतदाताओं को निश्चित रूप से ही प्राप्त होगा। वर्तमान चुनाव के लिए उनके द्वारा 7 हजार वोट बनाए गए हैं। साथ ही सभी जिलों के अनेक संगठनों का समर्थन उन्हें प्राप्त है। जिससे वे नागपुर की सत्ता को बदलने में कामयाब होंगे। इसके अलावा किसानों के हित के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग पदवीधर मतदाताओं को व्यवसायिक कौशल्य विकास के लिए प्रशिक्षण देने व रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कार्य करेंगे। विशेष यह है कि उन्होंने चुनाव के पूर्व ही कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। भाजपा उम्मीदवार की ओर से जो चुनाव की कमान संभाल रखे हैं वे स्वयं ही पदवीधर नहीं है। जिससे वे पदवीधरो की समस्या किस प्रकार हल कर पाएंगे इस पर प्रश्नचिन्ह निर्माण हो रहा है। इस विधान परिषद क्षेत्र से चुनाव जीतने वाला उम्मीदवार चुनाव जीतने के पश्चात संपर्क में नहीं रहता लेकिन वह निरंतर संपर्क में रहेंगे ऐसा विश्वास मतदाताओं को दिलाते हुए आगामी चुनाव में उनके नाम के आगे 1 क्रमांक लिखकर उन्हें विजयी बनाने की आव्हान वीरेंद्र जायसवाल ने किया है ।