ग्रापं.कर्मियों का गोंदिया जिला परिषद पर जवाब दो और निषेध आंदोलन

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गोंदिया– महाराष्ट्र राज्य ग्राम पंचायत कर्मचारी महासंघ (आयटक) के नेतृत्व में जिले के ग्राम पंचायत कर्मचारीयो ने आज जिला परिषद पर जवाब दो और राज्यव्यापी निषेध आंदोलन के तहत में मोर्चा प्रदर्शन के माध्यम से राज्य के मुख्यमंत्री,उपमुख्यमंत्री तथा ग्रामविकास मंत्री के नाम मुख्य कार्यकारी अधिकारी को मांगों का निवेदन सौंपा। आंदोलन की मांगो में ग्राम पंचायत कर्मियों के लिए सरकार ने १० अगस्त २०२० से सुधारीत (वृद्धि )न्यूनतम वेतन देने की अधिसूचना जारी की हैं, जिसे आज १ वर्ष पुरा होने के बावजूद सरकार ने वृद्धिगत न्यूनतम वेतन पर अनुदान नही दिया हैं, जिसका निषेध ईस आंदोलन के माध्यम से किया गया। स्थानीय प्रश्नों में ईसीके आधार पर गोंदिया जि.प.ने दि१६.१०.२०२० को यह न्यूनतम वेतन लागू कराने हेतु जिले की पंचायत समितियों के माध्यम से सभी ग्राम पंचायतों को पत्र के माध्यम से सुचित किया हैं बावजूद ईसके जिले की चंद पंचायतो ने ही ईसका पालन किया है ।शासन निर्णय का पालन न करने वाली पंचायतों एवम् संबंधीत ग्राम सेवको पर कौनसी कार्यवाही की गई और जि.प.ने क्या प्रयास किए?विगत ३ वर्षो से मुख्यकार्यकारी अधिकारी व उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी महासंघ तथा संबंधित अधिकारियोंंकी संयुक्त सभा लेकर सेवा शर्तो (न्यूनतम वेतन,भत्ता,सेवा पुस्तिका,भविष्य निर्वाह निधी इत्यादी) का पालन सुनिश्चित करने का आश्वासन हीं दे रहे हैं । यह सभा न लेने के क्या कारण है और ईसे क्यों टाला जा रहा हैं? शासन निर्णय के मुताबिक वर्ष में दो बार शिकायत निवारण समिति की सभा लेना अनिवार्य हैं यह सभाएं क्यों नहीं ली जाती? पिछ्ले २ वर्षो मे
मा.उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कितनी बैठके ली ।कोविड १९ चे कालखंड में कोरोना उन्मूलन के कामों में लगे कर्मियों को शासन निर्णय के बावजूद प्रती माह १ हजार रूपये अदा क्यों नहीं किए जा रहें हैं। आजतक वर्ष २०२१ की ग्राम पंचायत कर्मियों की अंतिम सेवा जेष्ठता सूची क्यों प्रकाशीत नहीं की जा रहीं हैं। बार- बार शिकायतें करनें के बावजूद भी सेवाशर्तो का उल्लंघन करने वाले जवाबदार अधिकारीयों पर शिस्तभंग की कार्यवाही क्यों नहीं की जाती।जि.प. ने कितने जवाबदार अधिकारीयों पर कार्यवाही की ? व अन्य सवालों पर गोंदिया जिला परिषद प्रशासन जवाब पूछने ग्रा.पं. कर्मचारी जिला परिषद पर मोर्चा प्रदर्शन आंदोलन किया ईसमे सभी कर्मियों ने सामील रहकर आंदोलन सफल किया ईस आंदोलन में प्रमुखता से मिलिंद गनविर (राज्य संगठन सचिव व उपाध्यक्ष संयुक्त कृती समिती)चत्रुघन लांजेवार (अध्यक्ष),सुखदेव शहारे (कार्याध्यक्ष),रविंद्र किटे (सचिव),महेंद्र भोयर (कोषाध्यक्ष),विष्णू हत्तीमारे (संघटन सचिव),ईश्वरदास भंडारी (उपाध्यक्ष ),बुधराम बोपचे (सहसचिव),खोजराम दरवड़े (सहसचिव),आशिष उरकुड़े (उपाध्यक्ष),विनोद शहारे,सुनिल लिल्हारे (गोंदिया)नरेश कावळे (आमगाव) आदि शामिल थे।