साईंटोला में ग्रामीणों का आंदोलन रेत उत्खनन का कार्य रोका जिम्मेदार कौन

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गोंदिया। गोंदिया तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम साईं टोला के समीप साई टोला रेती घाट को लेकर ग्रामीणों द्वारा 15 अप्रैल को रास्ता रोको आंदोलन पर रेती से भरे ट्रकों को बीच मार्ग में ही रोक दिया वह रेत उत्खनन बंद करवा दिया इस घटना में जिम्मेदार कौन ग्रामीण की रेत उत्खनन ठेकेदार इस पर प्रश्नचिन्ह निर्माण हो रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गोंदिया तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम साईटोला के साईंटोला रेत घाट से रेत का उत्खनन नीलामी के पश्चात संबंधित ठेकेदार द्वारा किया जा रहा था। लेकिन 15 अप्रैल को ग्रामीणों द्वारा अपनी विभिन्न मांगों को लेकर रास्ता रोको आंदोलन व रेत से लदे वाहनों को मार्गो से निकलने पर प्रतिबंध लगाया जिस की जानकारी पुलिस प्रशासन को मिलने पर तत्काल घटनास्थल पर पहुंचकर मामले को नियंत्रण में लेना चाहा किंतु आक्रोशित ग्रामीणों द्वारा विवाद की स्थिति निर्माण की जिससे तनावपूर्ण स्थिति निर्माण हो गई।
विशेष यह है कि उपरोक्त आंदोलन के दौरान ग्रामीणों द्वारा एक मत से कोई भी मांग सामने नहीं रखी ग्रामीणों के अलग-अलग गुट द्वारा अपनी अपनी मांग सामने रख यह आंदोलन किया जिसमें रेती घाट से रेत का परिवहन करने वाले वाहन गांव के जिस मार्ग से गुजरते हैं उसकी स्थिति खराब हो चुकी है उसे सुधारने वह रेत घाट में ग्राम के ही नागरिकों के ट्रैक्टर लगाने की मांग की गई। इस हंगामा पूर्ण वातावरण के चलते रेत उत्खनन का कार्य रुक गया है इस आंदोलन के दौरान ग्रामीणों द्वारा पुलिस प्रशासन व राजस्व विभाग के साथ विवाद पूर्ण स्थिति निर्माण कर शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने के चलते दवनीवाड़ा पुलिस थाने में अनेक लोगों पर मामला भी दर्ज किया गया है।
उल्लेखनीय है कि गोंदिया जिले में इस वर्ष जिले के तकरीबन रेती घाट नीलाम हो चुके हैं जिससे शासन को करोड़ों रुपए का राजस्व भी प्राप्त हुआ है तथा रेत चोरी की घटनाओं पर काफी हद तक लगाम लग चुका है। करोड़ों में रेती घाट लेने वाले ठेकेदारों द्वारा रेत का उत्खनन शुरू किया गया है किंतु ग्राम की राजनीति के चलते उत्खनन के कार्य में बाधा पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। जबकि शासन के नियमानुसार रेती घाट नीलाम होने के साथ ही घाट से उत्खनन कर परिवहन करने का मार्ग भी शासन द्वारा निश्चित किया जाता है तथा घाटों के नीलाम होने वाली राशि का करीब 30% राशि संबंधित ग्राम पंचायत को विकास के लिए प्राप्त होती है किंतु इस तरह गंदी राजनीति कर घाटों को बाधा पहुंचाने का कार्य करने से भविष्य में रेती घाट नीलामी की प्रक्रिया में संबंधित व्यापारी नहीं पहुंचेंगे जिससे रेती घाट नीलाम तो नहीं होंगे लेकिन रेत चोरी बड़े पैमाने पर शुरू हो जाएंगी जिससे शासन को राजस्व का नुकसान होने के साथ ही ग्राम के विकास को मिलने वाली राशि भी बाधित होंगी।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार यह मामला जिलाधिकारी तक पहुंच चुका है तथा इस मामले में जल्द ही जिलाधिकारी द्वारा क्या निर्णय लिया जाता है इस पर नजरें टिकी हुई है।