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उपचुनावों में भाजपा की हार से नागपुर के कांग्रेसियों में जागा नया जोश

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Nagpur: उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गुजरात समेत कुछ राज्यों में हुए ताजा उपचुनाव के नतीजों ने जहां भाजपा के होश उड़ा दिए हैं, वही कांग्रेस में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। लोक सभा चुनाव परिणामों के बाद से कोप भवन में बैठे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अब आगामी विधान सभा चुनावों के प्रति नए जोश से भर गए हैं। लोक सभा चुनाव में ऐतिहासिक जादुई आंकड़ा प्राप्त करके अपने दम पर केन्द्र में सरकार बनाने वाली भाजपा से जनता का मोह भंग होता नजर आ रहा है और इसके संकेत हाल के कुछ उपचुनावों में साफ नजर आ रहे हैं। इससे पहले उत्तराखंड और बिहार में हुए उपचुनावों में भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। ताजा नतीजों ने तो जैसे भाजपा सरकार के प्रति जनता के अविश्वास पर मुहर सी लगा दी है।

महाराष्ट्र में होने जा रहे विधान सभा चुनावों के संदर्भ में इसे कांग्रेस के लिए अच्छा संकेत माना जा रहा है। नागपुर में स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने भी एक बार फिर जीत का शंखनाद कर दिया है और पूरी ताकत से चुनाव अभियान में जुट गए हैं। नागपुर टुडे ने भाजपा की ताजा हार को लेकर शहर के कुछ वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं से चर्चा की तो एक नया जोश देखने में आया।

भाजपा के भविष्य का आईना : नितिन राऊत

राज्य के रोजगार गारंटी एवं जल संवर्धन मंत्री एवं उत्तर नागपुर से तीसरी बार विधायक रहे नितिन राऊत इन परिणामों को अनपेक्षित मानते हैं और इसे कांग्रेस के प्रति विश्वास का संकेत बताते हैं। श्री राऊत ने नागपुर टुडे से चर्चा के दौरान कहा, ‘‘जनता काम के आधार पर लोगों को चुनती है। वैसे भी झूठ की बुनियाद ज्यादा देर नहीं टिकती है। कांग्रेस के प्रति लोगों का भरोसा अटूट है और हमेशा रहेगा।महाराष्ट्र में भी हमारी इसी तरह विजय होगी।’’ यह पूछने पर कि लोक सभा चुनाव जीतने के बाद भाजपा सरकार के 100 दिनों में ऐसा क्या हुआ कि भाजपा को विपरीत परिणाम मिल रहे हैं, श्री राऊत का जवाब था, ‘‘मराठी में एक कहावत है -‘मुळंच्या पाय पाळण्या दिसतात’ जिसका मतलब है कि पूत के पांव पालने में ही नजर आ जाते हैं। जिस तरह से भाजपा ने लोक सभा चुनाव के दौरान बड़े-बड़े वादे किए थे, इसकी शुरुआत कहीं भी नजर नहीं आई। उस समय ताल ठोंक कर शिव सेना और भाजपा को एक बताया जा रहा था, लेकिन अब महाराष्ट्र चुनाव के लिए विपक्ष के पास मुख्यमंत्री पद के लायक कोई उम्मीदवार ही नहीं है। स्पष्ट रूप से भाजपा की कथनी और करनी में एकता नहीं है, इसलिए जनता ने उसे खारिज कर दिया और अब महाराष्ट्र में भी कांग्रेस अपना वर्चस्व कायम करेगी।’’

काम हमारा, नाम तुम्हारा : विलास मुत्तेमवार

वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं नागपुर के पूर्व सांसद विलास मुत्तेमवार का स्पष्ट कहना है कि भाजपा विचारधारा के बल पर नहीं बल्कि सब्जबाग दिखाकर लोक सभा चुनाव जीती थी। यदि विचारधारा के बल पर भाजपा यह चुनाव जीतती तो जनता का इतनी जल्दी मोह भंग नहीं होता। अच्छे दिनों के झूठे आश्वासन के नाम पर लोगों को महंगाई की सौगात मिली, रेल किराया बढ़ा, टैक्स भी कम नहीं हुए। ऐसे में जनता का विश्वास तो कम होना ही था। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा ने जिस तरह के सपने दिखाए उससे ऐसा लग रहा था कि उनकी सरकार बनते बराबर एक दिन में महंगाई खत्म कर देंगे, बलात्कार की घटनाओं पर अंकुश लगा देंगे लेकिन वास्तव में यह सब भ्रम था। ताजा परिणामों ने साफ कर दिया कि जनता हकीकत के साथ जाना चाहती है। भाजपा ने कांग्रेस के द्वारा किए गए कार्यों का श्रेय लेना शुरू किया तभी जनता इनकी असलियत समझ गई थी। मेट्रो रेल परियोजना और एनटीपीसी का काम कांग्रेस ने यहां तक लाया और भाजपा सरकार ने इसका श्रेय लेने में देर नहीं की जबकि किसी भी परियोजना की स्वीकृति होने और इसका डीपीआर तैयार होने में कम से कम एक साल का समय लगता है लेकिन यहां 100 दिनों में ही सबकुछ स्वीकृत हो गया। इसकी वजह यही थी कि यह सारे काम पहले ही कांग्रेस आगे बढ़ा चुकी थी।’’ उन्होंने काला धन लाने की बात कही थी लेकिन आज दूर-दूर तक इसके लिए कोई पहल नजर नहीं आती। आज नतीजा ये है कि गुजरात में ही भाजपा से तीन सीटें छिन गर्इं और राजस्थान में वसुंधरा राजे के रहने के बावजूद उनके गढ़ में सेंध लग गई। आगामीमहाराष्ट्र विधान सभा चुनावों में भी जनता ऐसे ही भाजपा को ठिकाने लगाएगी।’’

जनता जान गई असलियत : विकास ठाकरे

नागपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष और महानगर पालिका में विपक्ष के नेता विकास ठाकरे ने कहा कि केन्द्र सरकार के 100 दिनों में ही इसकी असलियत जनता के सामने आ गई है। इन्होंने जो वादे किए थे, जनता उनके बहकावे में आ गई थी लेकिन 100 दिनों में ही पता चल गया कि ये सभी ‘फेकू’ हैं और जनता की भावनाओं के खिलवाड़ किया गया है। सरकार बनते ही महंगाई आसमान छूने लगी, रेल किराया बढ़ा दिया गया। कुल मिलाकर कहीं भी अच्छे दिन नहीं दिखे। अब आने वाले चुनावों में जनता इसका हिसाब लेगी और कांग्रेस पार्टी को चुनकर लाएगी।

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