
समग्र ब्राम्हण सभा द्वारा समाज के उद्योगपतियों का सत्कार
गोंदिया : वर्तमान युग स्पर्धा का है। स्पर्धा युग में भी विश्व में ब्राम्हणो का वर्चस्व कायम है। अपने विवेक बुद्धि से ब्राम्हणो ने स्पर्धा का सामना किया है। ब्राम्हणो के युवको को वरदान है कि वह जिस क्षेत्र में भी काम करता है वहां उसे सफलता मिलती है तथा वह उच्च शिखर पर होता है। ब्राम्हणो को संस्कार की प्राप्ती अपने परिवार से मिलती है। पुरे विश्व में ब्राम्हणों ने अपने कार्यों से अपनी एक अलग पहचान बनाई है, ऐसा उद्बोधन नेदरलैंड में टीसीएस कंपनी के कार्यरत धीरज मिश्रा ने व्यक्त किए। वे समग्र ब्राम्हण समाज द्वारा श्री परशुराम जन्मोत्सव के अवसर पर आयोजित समाज के उद्योगपतियों के सत्कार समारोह में विशेष अतिथि के रूप में बोल रहे थे। भूतपूर्व विधायक स्व. चंदनप्रसाद पांडे के स्मृति में अयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता जयंत बापट ने की। इस अवसर पर मंच पर राजेश दीक्षित, संजय पाठक, अनिल दुबे, संजय पंड्या, डा.सुधीर जोशी, संजय हिसारिया, विजय शर्मा, सुमित पांडे उपस्थिति थे। समग्र ब्राम्हण सभा के संयोजक निलेश चौबे ने कार्यक्रम की प्रस्तावना रख बताया कि समस्त ब्राम्हण बंधुओ को एकता के सूत्र में सम्मिलित कर अनेकता में एकता का परिचय रखना चाहते है। इस अवसर पर राजेश दीक्षित, संजय पाठक, अनिल दुबे, डा.सुधीर जोशी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के अध्यक्ष जयंत बापट ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में भगवान परशुराम के जीवन से संबंधित विशिष्ठ जानकारी दी। समग्र ब्राम्हण सभा द्वारा इस वर्ष के सत्कार कार्यक्रम में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पूर्व विधान परिषद सदस्य स्मृतिशेष पं. चंदनप्रसाद पांडे की स्मृती में समाज के उद्योगरत्नो का सत्कार किया गया। जिसमे संजय पाठक, राजेश दीक्षित, संजय हिसारिया, अनिल दुबे, सुधीर कायरकर, संजय पंड्या एवं विजय शर्मा का शाल, श्रीफल एवं स्मृती चिन्ह देकर सत्कार किया गया। इस अवसर पर आयोजित निबंध स्पर्धा में प्रथम पुरस्कार अनिता शुक्ला, द्वितीय गार्गी कुलकर्णी, तृतीय आर्या मिश्रा सहित प्रोत्साहन पुरस्कार हर्षता मिश्रा, दिया मिश्रा को प्रदान किया गया। कार्यक्रम का संचालन कल्पना मिश्रा एवं मंजुलता शुक्ला ने किया। आभार प्रदर्शन का दायित्व अतुल दुबे ने निभाया। इस अवसर पर बड़ी संख्या मंे समग्र ब्राम्हण समाज के बंधुगण उपस्थित थे। महाप्रसाद के बाद कार्यक्रम का समापन हुआ।