गोंदिया-संयुक्त किसान मोर्चा, श्रमिक संगठनो की संयुक्त कृती समिती एवं खेतमजदूर संगठनो के 16 फरवरी को ग्रामीण भारत बंद के आव्हान पर रावणवाडी में ग्रामपंचायत के सामने किसान, खेतमजदूरो और कर्मचारीयो ने मोर्चा निकालकर मंडल निरीक्षक कार्यालय पर प्रदर्शन कर आर. आई.प्रवीण रोकडे के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपती और राज्य के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन प्रेषित किया.ऑल इंडिया ट्रेड युनियन काँग्रेस (आयटक ) के राज्य सचिव मिलिंद गणवीर,भारतीय खेतमजदूर युनियन के जिला सचिव प्रल्हाद उके, तथा अखिल भारतीय किसान सभा के जिलाध्यक्ष रामचंद्र पाटील, विनोद शहारे, श्याम कटरे, उषा बारमाटे, जितेंद्र गजभिये, आदी के नेतृत्व में निकाले गये मोर्चा आंदोलन की प्रमुख मांगो में डॉ. स्वामीनाथन आयोग की शिफरिसो के मुताबिक और केंद्र सरकार के आश्वाशन अनुसार 100 प्रतिशत उत्पादन खर्च पर आधारित 50 प्रतिशत मुनफा देने का कानून बनाने, किसानों के लिए फासी का फंदा बन चुकी कृषी उत्पाद की निर्यात बंदी पर रोक और खाद्यतेल के आयात नीती पर पुनर्वीचार करने, दिल्ली सीमाओ पर किसान आंदोलन को कुचलने के लिए अमानवीय अत्याचार की रोकथाम करने और मांगे पुरी करने, मनरेगा कानून के तहत वर्ष 22दिनो का रोजगार और ₹6सौ दैनिक वेतन देने, सभी रिक्त पदो पर भर्ती, निजीकरण, बाह्ययंत्रणा से भर्ती बंद करने, मजदूर विरोधी 4 श्रम संहिता रद्द करने, आशा, आंगणवाडी, शा. पो. आ. ग्रामपंचायत कर्मीयो को वेतनश्रेणी, सामाजिक सुरक्षा, पेन्शन देने, हडताली आशा, आंगणवाडी कर्मीयो की मांगे तात्काल पुरी करने, धान को गॅरंटी मूल्य प्रतिकुंतल ₹.3 हजार देने, अतिवृष्टी ग्रस्त किसानों को तुरंत मुआवजा देने, धान पर बोनस और प्रोत्साहन राशी देने, जबरण जोतदार भूमिहीन खेतमजदूरो को वन जमीन और अन्य अतिक्रमित जमीन के पट्टे देने सहित अन्य मांगो के लिए ग्रामीण भारत बंद आंदोलनमें प्रमुखता से प्रकाश डहाट, विमल रामटेके, माणिकचंद उके,बेनुबाई नेवारे, यशवंत दमाहे,भोजराज गुप्ता,विठ्ठल उके, राधेश्याम उके,रेणुका राऊत, रुपेश्वरी पटले, हिना माने, नम्रलता बिसेन, नामेश्वरी रहांगडाले आदी बडी संख्या में लोग शामिल थे.