गोरेगाव -ृ.कुछ ही माह में जिला परिषद व पंचायत समिति के चुनाव का कार्यक्रम घोषित हो सकता है। इसके पूर्व ही संभावित उम्मीदवारों ने क्षेत्र में अपने जनसंपर्क बढ़ाकर गांव-गांव में पोस्टर लगाने का कार्य शुरु कर दिया है। कुरहाड़ी जिला परिषद क्षेत्र में राष्ट्रवादी, कांग्रेस, भाजपा के संभावित उम्मीदवारों की हलचल तेज दिखाई दे रही है।
गौरतलब है कि वर्ष २०१५ में जिला परिषद एवं पंचायत समिति का चुनाव लिया गया था। जितकर आए सदस्यों का कार्यकाल ३ माह पूर्व ही समाप्त हो गया है। अब जल्द ही २०२० के जिला परिषद चुनाव की घोषणा होगी। इसके पूर्व ही राष्ट्रीय दलों के उम्मीदवारों ने अपना जनसंपर्क बढ़ा दिया है। कुरहाड़ी जिला परिषद क्षेत्र अनुसूचित जाति (जनरल कैटिगिरी) के लिए आरक्षित है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की ओर से बसपा से प्रवेश करनेवाले आनंद बडोले, भीमराज टेंभुर्णीकर, मानेश्वर जनबंधु, राहुल बंसोड़ एवं कांग्रेस पार्टी की ओर से निरज धमगाये, दिलराज सिंगाड़े, भारतीय जनता पार्टी की ओर से शैलेश नंदेश्वर, बाबुलाल पंचभाई व बडग़े की संभावित उम्मीदवार के तौर पर चर्चा चल रही है। बता दें कि कुरहाड़ी जिला परिषद के २०१५ के चुनाव में राष्ट्रवादी की ललिता चौरागड़े ने जीत हासिल कर भाजपा की अल्का पारधी को १७०० मतों से पराजीत किया था। आगामी चुनाव में भी राष्ट्रवादी अपना कब्जा जमाने के लिए संभावित उम्मीदवारों को क्षेत्र में जनसंपर्क करने के लिए उतार दिए हैं। इसी प्रकार कांग्रेस व भाजपा ने भी अपने संभावित उम्मीदवारों को जनसंपर्क बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। कुरहाड़ी पंचायत समिति अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित है। राष्ट्रवादी में लक्ष्मीताई टेंभेकर, प्रीति टेंभुर्णीकर व गणवीर को भी संभावित उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है। पंचायत समिति पाथरी जनरल महिला आरक्षित है। राष्ट्रवादी की ओर से डिलेश्वरी धनेश्वर तिरेले को उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है। वहीं कांग्रेस की ओर से कुरहाड़ी पंस में वर्षाताई निरज धमगाये, लतिका भीमराज मेश्राम को संभावित उम्मीदवार के तौर पर देखा जा रहा है। बता दें कि वर्ष २०१५ के पाथरी पंचायत समिति चुनाव में राष्ट्रवादी के केवल बघेले व भाजपा के दुर्गा ठाकरे के बीच में टक्कर थी। जिसमें राकांपा के केवल बघेले ने भाजपा के दुर्गा ठाकरे को १३०० मतों से पराजीत किया था। वहीं कुरहाड़ी पंचायत समिति में भी भाजपा व राष्ट्रवादी में कड़ी टक्कर थी। जिसमें भाजपा के सुरेंद्र उर्फ बबलु बिसेन ने राकांपा की उम्मीदवार अनिता तुरकर को पराजीत किया था। अब देखना यह है कि इस चुनाव में किस पार्टी का वर्चस्व अधिक होता है।
राकां-कांग्रेस के गठबंधन पर टिकी नजरें
राज्य मेें राष्ट्रवादी, कांग्रेस, शिवसेना के साथ महाविकास आघाड़ी की सरकार चल रही है। लेकिन आगामी गोंदिया जिला परिषद व पंचायत समिति के चुनाव में भी तीनों दल एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेगे या नहीं? यह संभ्रम निर्माण है। क्योंकि वर्ष २०१५ के चुनाव में भी राष्ट्रवादी व कांग्रेस पार्टी ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। यदि इसी तरह की भूमिका दोनों पार्टी की ओर से रही तो कौन बाजी मारेगा? यह आनेवाला समय ही बताएगा। लेकिन सामान्य कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब राज्य में गठबंधन के तौर पर सरकार चल रही हैं तो जिला परिषद व पंचायत समिति में भी राकांपा व कांग्रेस का गठबंधन होना आवश्यक है। लेकिन इसके लिए स्थानिक नेताओं द्वारा ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। जिस पर सभी की नजरें लगी हुई है।