बाढ़ पीड़ितों को तत्काल मिलें मुआवजा, अन्यथा तहसील कार्यालय के सामने करेंगे धरना प्रदर्शन- इरफान सिद्दीकी

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गोंदिया। पिछले दिनों अगस्त माह में आयी मूसलाधार व जोरदार बारिश ने पूरे जिले को बाढ़ की चपेट में ले लिया था। नदी-नाले उफान में थे वही बाढ़ का पानी घरों में घुसने से जनजीवन प्रभावित हुआ था। गोंदिया शहर में बाढ़ के हालातों से शहर के निचले हिस्सों में पानी घुस जाने से मकान क्षतिग्रस्त हुए थे। कई घर धराशायी हुए तो बिजली के मीटर तक डूब गए। इनमें प्रभाग क्र 12 का संजय नगर सबसे अधिक प्रभावित हुआ।

इस नैसर्गिक आपदा के दौरान बाढ़ के संकट से गुजर रहे नागरिकों की मदद के लिए क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता इरफान सिद्दीकी ने दौरा कर बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की थीं एवं उन्हें शासन से उचित मदद दिलाने का आश्वासन दिया था।

इरफान सिद्दीकी ने उस दौरान के हालातों की जानकारी जिलाधिकारी गोंदिया को दी थीं, जिसके बाद जिलाधिकारी महोदया श्रीमती नयना गुंडे से आदेश मिलते ही सबंधित अधिकारियों द्वारा बाढ़ क्षेत्र के क्षतिग्रस्त मकानों के नुकसान का सर्वेक्षण किया गया था।

 इतना ही नहीं, सामाजिक कार्यकर्ता इरफान सिद्दीकी ने स्वयं सामने आकर तहसीलदार व अन्य अधिकारियों के साथ संजय नगर के प्रत्येक क्षतिग्रस्त घर का पंजीकरण करवाया। दिनांक २२.०८.२०२२ को संपूर्ण पंजीकृत यादी तहसीलदार श्री खंडारे के कार्यालय में क्रियान्वित हो गई। उसी प्रकार सभी बाढ़ पीडितों के खातों की।यादी तहसिल कार्यालय को प्राप्त हो गई।

परंतु मात्र कुछ लोगों के खातों में ही केवल ५०००/- रुपये आये और बाकी बाढ़ पीड़ितों के खातों में मदद राशि प्रदान नहीं हुई। इस मामले पर श्री सिद्दीकी ने महसूल विभाग की वेबसाईट से शासकीय निर्णय निकाला जिसमें स्पष्ट लिखा हुआ है कि कम से कम १००००/- दस हजार रुपये प्रत्येक बाढ़ पीढ़ित को देना है और जो बाढपीडित के घरों में अधिक नुकसान हुआ है उन्हें २५०००/- से ५०,०००/- रुपये तक की राशि मुआवजा के रूप में देना है।

ईरफान सिद्दीकी ने तहसीलदार खंडारे को पत्र के साथ शासकीय निर्णय की प्रत दी है और सहयोग की अपील की तथा इस संबंध में यदि जल्द से जल्द बाढपीढितों को मुआवजा की राशि नहीं दी गई तो वेे बाढ़ पीड़ितों के साथ सामने आकर तहसील कार्यालय में धरना देंगे।