सरकार की पिछड़ा विरोधी नीतियों के खिलाफ एकजुट होने का वक्त -सांसद शरद यादव

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नई दिल्ली।
देश के मूलनिवासी पिछड़े समाज को आजादी के बाद भी न्याय नही मिल पाया। आज सम्पूर्ण पिछड़ा वर्ग को केन्द्र सरकार की पिछड़ा विरोधी नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करना होगा। सरकार तानाशाही रवैया अपनाकर पिछड़ो का आरक्षण खत्म करने से लेकर शैक्षणिक संस्थानों में पिछड़े शिक्षकों और छात्रों के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपना रही है।ये बातें जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष, राज्यसभा सांसद शरद यादव ने सोमवार को नई दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के दूसरे राष्ट्रीय महाधिवेशन में कहीं।
इस अवसरपर सांसद शरद यादव ने कहा कि मैं देश की संसद मे मै पिछले 43 साल से हूं। देश को आजाद हुए 70 साल हो गये। लेकिन देश का विकास जहां था वहीं पर रूका हुआ है। इसकी वजह यहा के मूलनिवासी पिछड़े समाज के साथ हो रहा भेदभाव है।
आज पिछड़ा विरोधी सरकारों के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष और बड़े आंदोलन की जरूरत है। ये समेलन देश को नई दिशा देने वाला होगा हम सब इस आंदोलन को मिलकर आगे बढ़ाने का काम करेंगे।
इस दौरान शरद यादव के सामाजिक न्याय की दिशा में किए गए योगदान को देखते केन्द्रीय मंत्री हंसराज अहिर, कार्यक्रम के अध्यक्ष एवं संयोजक प्राचार्य बबनराव तायवाडे एव राजकीय समन्वयक पूर्व सासंद डाॅ.खुशाल बोपचे ,सासंद नाना पटोले, उदघाटक पूर्व न्यायमूर्ति व्ही ईश्वरैया द्वारा सम्मानित किया गया।