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Thursday, April 25, 2024
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नक्सलियों के लिए नुकसानदायक साबित हो रहा बालाघाट का जंगल, भारी पड़ रही पुलिस की बहादुरी

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बालाघाट । बालाघाट के रास्ते महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ के साथ ही मध्यप्रदेश के मंडला, डिंडौरी, अमरकंटक समेत अन्य जिलों में अपनी संख्या बढ़ाकर पुलिस को नुकसान पहुंचाकर जनता के बीच खौफ पैदा कर रहे नक्सलियों के लिए बालाघाट का जंगल लगातार नुकसान दायक साबित होता जा रहा है। यहां की पुलिस की बहादुरी नक्सलियों पर भारी पढ़ती जा रही है ओर नक्सली एक-एक कर बड़े नक्सलियों को पुलिस के हाथों खोते ही जा रहे हैं। बता दें कि पिछली दो मुठभेड़ों में नक्सलियों ने अपने बड़े लीडरों को खोया है, जिससे नक्सलियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है।

पुलिस को एक साल में ही तीसरी बड़ी सफलता हाथ लगी है। यहां पुलिस को 2002 की पहली सफलता जून माह में मिली थी। जहां पुलिस ने बहेला थाना क्षेत्र के जंगल में 20 जून 2022 को नक्सलियों का एनकाउंटर कर मार गिराया था। जिसमें नागेश उर्फ राजू तुलावी उम्र 38 वर्ष निवासी बोटेझरी गढ़रिचौली महारार्ष्ट निवासी, जो कि दड़ेकसा दलम में डीवीसीएम कमांडर इन चीफ था और इस पर मध्यप्रदेश में 6 लाख, महाराष्ट्र में 16 लाख व छत्तीसगढ़ में आठ लाख इस तरह इस पर तीनों राज्यों में 29 लाख का ईनाम घोषित था। इसके पास से पुलिस ने एसएलआर रायफल जप्त की थी।वहीं मनोज 23 साल निवासी बस्तर निवासी दडेकसा दलम में एरिया कमेटी सदस्य था और इसके उपर मध्यप्रदेश में तीन लाख, महाराष्ट्र में छह लाख व छत्तीसगढ़ में पांच लाख इस तरह कुल 14 लाख का ईनाम घोषित था और इसके पास से पुलिस ने एसएलआर रायफल जप्त की है। इसी प्रकार रामे दक्षिण बस्तर सुकमा निवासी है, जो कान्हा भौरमदेव में एरिया कमेटी व सुरेन्द्र उर्फ कबीर एसजेडसीएम गार्ड थी और इस पर मध्यप्रदेश में तीन लाख, महारार्ष्ट में छह लाख व छत्तीसगढ में पांच लाख कुल 14 लाख का ईनाम घोषित था और इसके पास से पुलिस ने सिंगल शॉट रायफल जप्त करने की कार्रवाई की गई थी।

जून माह के बाद नक्सलियों के विरुद्ध लगातार जंगल में सर्चिंग अभियान चलाए जाने का नतीजा ये रहा है कि नवंबर माह की आखिरी तारीख 30 नवंबर को दूसरी सफलता हाथ लगी है। यहां पुलिस ने कान्हा-भौरम देव दलम के एरिया कमेटी सदस्य कमांडर राजेश उर्फ नंदा वंजाम 19 वर्ष जिला सुकमा निवासी व जोन समन्वय टीम प्रभारी गणेश उम्र 2 वर्ष कासनपुर गढ़चिरौली निवासी को ढेर कर दिया है। बता दें कि कमांडर राजेश ने बड़े नक्सली दिवाकर के सरेंडर करने के बाद दलम की बड़ी जिम्मेदारी को संभाला था और अब वह एके 47 अपने पास रखता था। वहीं उसके उपर मध्यप्रदेश में तीन लाख, महाराष्ट्र में 12 लाख व छत्तीसगढ़ में पांच लाख इस तरह कुल 20 लाख का ईनाम था। वहीं गणेश के पास से पुलिस ने एसएलआर बरामद किया है और उसके उपर मध्यप्रदेश में तीन लाख, महाराष्ट्र में चार लाख व छत्तीसगढ पांच लाख का इनाम था इस तरह कुल 12 लाख का ईनाम था।रविवार को हर्राटोला के जंगल में पुलिस को 2022 की तीसरी सफलता हाथ लगी है। इस मुठभेड़ में मारे गए नक्सली रुपेश के उपर 12 लाख का इनाम घोषित था और वह डिवीजन कमांडर सुरेन्द्र उर्फ कबीर का गार्ड था।

नक्सली लगातार पुलिस पार्टी को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करने के साथ ही ग्रामीणों को डराने धमकाने का कार्य करते है। वहीं पुलिस पुलिस भी लगातार ग्रामीणों से संवाद कर उनकी समस्याओं को समझ रही है। साथ ही लगातार जंगल में सर्चिंग कर नक्सलियों को मंसूबों को नाकामयाब करने में जुटी हुई है। जिसके चलते ही पुलिस को सफलता मिल रही है। -समीर सौरभ, पुलिस अधीक्षक।