क्लीन एनर्जी : “सिवनी-चौराई के विद्युतीकरण के साथ नागपुर मण्डल शत-प्रतिशत विद्युतीकृत”

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नागपुर–17 मार्चभारतीय रेलवे दुनिया में सबसे बड़ा हरित रेलवे बनने के लिए मिशन मोड में काम कर रहा है और वर्ष 2030 से पहले ” शून्य कार्बन उत्सर्जक” बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।नए भारत की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए भारतीय रेलवे को पर्यावरण के अनुकूल, कुशल, लागत प्रभावी, समयनिष्ठ और यात्रियों के आधुनिक वाहक के साथ-साथ माल ढुलाई के समग्र दृष्टिकोण अनुसार तैयार किया जा रहा है।भारतीय रेल ने अपने सम्‍पूर्ण ब्रॉडगेज नेटवर्क के विद्युतीकरण की महत्‍वाकांक्षी योजना प्रारम्‍भ की है। इस योजना से न केवल बेहतर ईंधन ऊर्जा का उपयोग होगा, जिससे उत्‍पादन बढ़ेगा, ईंधन खर्च में कमी आएगी, बल्कि मूल्‍यवान विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी।

इसी कड़ी में नागपुर रेल मंडल की रेल लाइनों का 100% विद्युतीकरण कार्य पूर्ण किया गया है । छिंदवाड़ा-नैनपुर सेक्शन के अंतर्गत सिवनी-चौराई 32.59 किलोमीटर रेलखंड के विद्युतीकरण के साथ ही नागपुर रेल मण्डल ने 100% विद्युतीकरण के लक्ष्य को पूरा किया है । सिवनी और इसके आसपास के जंगल को प्रसिद्ध लेखक रुडयार्ड किपलिंग द्वारा लिखित ‘द जंगल बुक” के मुख्य किरदार मोगली की क्रीड़ास्थलीके रूप में भी जाना जाता है । नागपुर रेल मंडल में विद्युतीकरण के सफर की शुरुआत 1989-90 में मुंबई-हावड़ा मेन लाइन पर दुर्ग-पनियाजोब रेल लाइन के विद्युतीकरण के साथ शुरू हुआ । 31मार्च, 1990 को दुर्ग-पनियाजोब रेलखंड, 22 जनवरी, 1991 को पनियाजोब-गोंदिया रेलखंड, 31 मार्च, 1991 को गोंदिया-भंडारारोड रेलखंड, 30 नवंबर, 1991 को भंडारारोड-थारसा रेलखंडएवं 28 दिसंबर,1991 को थारसा-नागपुर रेलखंड का विद्युतीकरण कार्य पूर्ण किया गया । नागपुर रेल मण्डल के अंतर्गत जबलपुर-नैनपुर-गोंदिया, नागपुर-छिंदवाड़ा, छिंदवाड़ा-नैनपुर-मांडलाफ़ोर्ट रेल खंड को छोटी लाइन से बड़ी लाइन में गेज परिवर्तन के साथ ही साथ विद्युतीकृत किया गया है । इस प्रकार नागपुर रेल मंडल कुल 1206.5 रूट किलोमीटर एवं 2111.8 ट्रेक किलोमीटर रेल लाइनों के साथ शत-प्रतिशत विद्युतीकृत है ।

वर्तमान में नागपुर रेल मंडल से वंदे भारत जैसी देश की नामी ट्रेन, राजधानी, जनशताब्दी व अन्य एक्सप्रेस ट्रेनों सहित बहुतायत संख्या में मेमू ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है । इसके साथ ही सर्वाधिक माल लदान करने वाले जोनों में से एक होने के गौरव प्राप्त दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अधिकांश मालगाड़ियों का परिचालन नागपुर मण्डल से होकर किया जाता है । इस रेलवे में एलएचबी आधारित ट्रेनों में हेड ऑन जनरेशन (एचओजी) प्रणाली शुरू कर शांत एवं  सुविधाजनक रेल परिवहन के लिए भी एक सराहनीय पहल की शुरुआत की गई है । ‘हेड ऑन जेनरेशन‘ (एचओजी) प्रौद्योगिकी से  ट्रेनें महंगे डीजल ईंधन को जलाने की बजाय ओवर हेड उपकरण (ओएचई) के माध्यम से सीधे ग्रिड से बिजली ले रही है।नागपुर रेल मंडल के 100% विद्युतीकरण

से राजस्व की बचत तथा लाखों टन कार्बन फुट प्रिंट में बचत के साथ पर्यावरण संरक्षण में भी हितैषी की भूमिका निभाएगी ।

भारतीय रेलवे में पर्यावरण के अनुकूल एवं प्रदूषण को कम करने वाली रेलवे विद्युतीकरण की गति2014 के बाद से 9 गुना गति से बढ़ी है। रेलवे द्वारा ब्राडगेज लाइनों विद्युतीकरण की योजना से डीजल कर्षण को समाप्त करने की सुविधा मिलेगी जिसके परिणामस्वरूप कार्बन फुटप्रिंट में कमी के साथ पर्यावरण प्रदूषण में भी महत्वपूर्ण कमी आएगी।

रेल लाइनों के विद्युतीकरण के लाभ:

  • पर्यावरण के अनुकूल परिवहन का साधन
  • शत-प्रतिशत विद्युतीकरण के परिणामस्वरूप बाधारहित ट्रेन संचालन संभव हो सकेगा और ट्रैक्शन (कर्षण) में परिवर्तन यानी डीज़ल से इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रिक से डीज़ल ट्रेक्शन में परिवर्तन के कारण ट्रेन परिचालन में होने वाली विलंब समाप्त हो सकेगी।
  • आयातित डीजल ईंधन पर निर्भरता कम होगी, जिससे कीमती विदेशी मुद्रा की बचत के साथ ही साथ हुई और कार्बन फुटप्रिंट्स में कमी आएगी ।
  • कम परिचालन लागत क्यूकि डीज़ल ट्रैक्शन की तुलना में इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन बहुत सस्ता और कुशल है, क्योंकि इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर चलने वाली ट्रेनें डीज़ल की तुलना में 50 प्रतिशत तक सस्ती होती हैं।
  • इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव की उच्च ढुलाई क्षमता वाली भारी मालगाड़ियों और लंबी यात्री ट्रेनों की परिवहन क्षमता में वृद्धि ।