जानिये कैसे ब्राह्मणों के झांसे में आ गये थे नासा के वैज्ञानिक

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साभार जन उदय दैनिक

: कुछ सालो के शोध और रिसर्च से पता चला है की ब्राह्मणों ने भारत के गरीब अशिक्षित दलितों को ही भगवान के नाम पर मूर्ख और अन्धविश्वासी ही बना कर नहीं रखा है , बल्कि एक बार को तो नासा के वैज्ञानिकों को भी झांसे में ले लिया था . 

नासा एक वैज्ञानिक संस्थान है वे दुनिया के ब्रह्माण्ड के हर पहलू को सही ढंग से समझना चाहते है और इसके हर पहलू की वैज्ञानिक जांच कर रहे है खोज कर रहे है , लेकिन ब्रह्माण्ड इतना बढ़ा और रह्स्य्मी है इसको जानना इतना आसान भी नहीं 

आर एस एस के एजेंट जो हर जगह घुसे हुए है उन्होंने अपनी किताबो और एक लेख के जरिये अमरीका में यह हवा बनाई की भारत में विज्ञान बहुत उच्च स्तरीय था जिसका जिक्र किताबो में मिलता है लेकिन मुस्लिम राजाओं ने उन किताबो को जला दिया ( यह सैंड रहे की ये सारी किताबे बौध भिक्षुओ और बुधिजीविओ की थी ) और यह भी है की प्राचीन भारत के ऋषि मुनि सीधे भगवान से सम्पर्क में रहते थे , लेकिन भगवान् से , देवताओं से बात करने के लिए सिर्फ संस्कृत में ही बोलना पढता है , यह बात वैज्ञानिकों को को बड़ी अटपटी लगी की भगवान् इनसे बात करता है और वो भी सिर्फ संस्कृत में , 

तार्किक लोग , वैज्ञानिक बूढी के लोग किसी भी चीज को सही या गलत तब तक नहीं मानते जब तक उसकी वैज्ञानिक जांच न हो जाए और जांच की भी फिर से जांच न हो जाए ताकि वह बात पूर्ण रूप से प्रमाणित हो जाए की वह सही है या गलत , सो नासा ने कहा की भगवान् से संस्कृत में बात करने के लिए बुलाइए पंडितो को… अब बेचारे ब्राह्मण फस गए , कुछ लोगो को बुलाया भी गया और आसमान में संस्कृत में सिग्नल भजे गए , लेकिन सब व्यर्थ निकला , इस बात पर काफी पैसा खर्च किया गया था सो इस भगवान् से बात करने वाले प्लान को ड्राप कर दिया गया , 

लेकिन आर एस एस के एजेंट इस बात से फिर भी पीछे नहीं हटे और हनुमान का सूर्य को मूह में लेने का किस्सा सुनाया की कैसे हनुमान एक झटके में छलांग लगा कर सूर्य को अपने मूह में ले लिया , इस पर नासा के क्षेत्रीय निदेशक ने तुरंत पुलिस बुला कर इस एजेंट को जालसाझी के जुल्म में अंदर करवाया और उसको यह भी बताया सूरज से रौशनी पृथ्वी तक आने में १० मिनट लगते है और रौशनी ३ लाख किलोमीटर /सेकंड चलती है पहले यह हिसाब लगाना तब आना तो इस तरह इन्होने नासा के वैज्ञानिकों तक को मूर्ख बना दिया था ,