भूरा ज्वेलर्स के संचालकों के खिलाफ परिवाद पेश;गोल्ड माईन स्कीम का मामला

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राजनांदगांव,16 जुलाई . स्थानीय वार्ड नं. 39 नंदई निवासी रवि कुमार बोधानी ने शहर के भूरा ज्वेलर्स संचालकों के खिलाफ माननीय सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में एक परिवाद पेश किया है. जिसमें कहा गया है कि गोल्ड माईन स्कीम के तहत भूरा ज्वेलर्स के संचालकों ने पूरी राशि ले ली है और अब भुगतान करने तैयार नही है. पूर्व में भी यह मामला सामने आया था और पुलिस में शिकायत हुई थी. लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है.
सत्र न्यायाधीश माननीय निर्मल मिंज के न्यायालय में परिवाद पेश करते हुए रवि कुमार बोधानी ने बताया कि भूरा ज्वेलर्स के संचालक दीपक और प्रवीण जैन प्रत्येक माह जमाकर्ताओं से योजना के तहत राशि जमा करवाते है और किश्त पूर्ण हो जाने पर जमाकर्ताओं को स्वर्ण या स्वर्ण नहीं लेने पर किश्तों की राशि प्रदान करते है. इस प्रकार से भूरा ज्वेलर्स गोल्ड माईन स्कीम का संचालन करती है. उनके द्वारा भी प्रति माह 50 हजार रूपए कुल 16 माह तक जमा करने पर फर्म जमाकर्ता को 16 माह पूर्ण होने पर एवं जमाकर्ता का 8 लाख रूपए जमा करने पर 17वें माह में 9 लाख का गोल्ड 300 ग्राम फर्म के द्वारा प्रदान किया जाएगा. गोल्ड नहीं लेने पर जमाकर्ता को 9 लाख रूपए दिए जाने की बात कही गई थी. जनवरी 2017 से जून 2018 तक कुल 16 माह तक भूरा ज्वेलर्स के संचालक दीपक जैन व प्रवीण जैन को करणजीत एवं राजवीर बोधानी की माध्यम से 50 हजार रूपए प्रति माह जमा करवाए गए. चुंकि पूर्व में भी मेरे द्वारा परिवादी फर्म में 20 मार्च 2014 को 17 लाख 50 हजार रूपए निवेश किए गए थे. इसलिए मुझे पूरा भरोसा था. जिसके कारण अलग- अलग बैंकों के माध्यम से फिर से 9 लाख रूप्ए राशि जमा की गई. जून 2018 में योजना पूर्ण होने के बाद भी फर्म संचालकों ने राशि और गोल्ड देने की बजाए घुमाना चालू कर दिया. जिसकी शिकायत उनके द्वारा कोतवाली पुलिस से लेकर एसपी राजनांदगांव, कलेक्टर और आईजी से भी की गई. इसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होने से न्यायालय में परिवाद पेश करना पड़ा है. न्यायालय ने परिवाद मंजूर कर लिया है. मिली जानकारी के अनुसार भूरा ज्वेलर्स के संचालकों पर धारा 10 निक्षेपको के हितों का संरक्षक अधिनियम 2005 के तहत पेश किया गया है।