नागपुर. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने कहा कि बाबासाहब आंबेडकर स्मारक समिति के दिवंगत सचिव सदानंद फुलझेले को वे अनेक वर्षों से जानते हैं. वे आंबेडकरी आंदोलन के अग्रणी रहने वाले कार्यकर्ता थे. बाबासाहब ने उन्हें धम्मक्रांति के विचारों को सहेजने की जवाबदारी दी थी और उस कार्य के लिए फुलझेले ने अपनी पूरा जीवन समर्पित कर दिया.दीक्षाभूमि स्थिति बाबासाहब आंबेडकर कालेज में फुलझेले के तैलचित्र अनावरण कार्यक्रम में बोल रहे थे. इस अवसर पर सांसद कृपाल तुमाने, महापौर संदीप जोशी, पूर्व सांसद जोगेंद्र कवाडे, राजेंद्र गवई, स्मारक समिति सचिव सुधीर फुलझेले, भदंत नागार्जुन सुरई ससाई व विलास गजघाटे उपस्थित थे. उन्होंने कहा, बाबासाहब के विचारों के अनुसार बौद्ध धम्म की सामाजिक उन्नति, विकास के लिए और कार्य के लिए उन्होंने पूरा जीवन लगा दिया. उनके विचारों को आगे ले जाने का कार्य किया.समर्पण भाव से किया कार्यसांसद तुमाने ने कहा कि फुलझेले को बाबासाहब आंबेडकर की करीबी का लाभ मिला. उन्होंने उनसे प्रेरणा लेकर बौद्ध धम्म व उनके विचरों को आगे ले जाने के लिए दिन-रात समर्पण भावना से कार्य किया. मेयर जोशी ने कहा कि दीक्षाभूमि के विचार व विकास के लिए उन्होंने जिस तरीके से कार्य किया वह सभी के आदर्श प्रेरणास्रोत है. राजेन्द्र गवई ने भी अपने विचार रखे. भदंत सुरई ससाई ने भी संबोधित किया. प्रस्तावना विलास गजघाटे ने किया व सदानंद फुलझेले जीवन पर प्रकाश डाला. संचालन एन.आर. सुटे व आभार प्रदर्शन सुधीर फुलझेले ने किया.