जनसुनवाई में कलेक्टर ने सुनी जनता की समस्यायें

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151 आवेदनों पर हुई सुनवाई

बालाघाट(berartimes.com)- मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई की कड़ी में 16 अगस्त 2016 को कलेक्ट्रेट कार्यालय में जनसुनवाई का आयोजन किया गया था। कलेक्टर भरत यादव ने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विजय दत्ता, अपर कलेक्टर मंजूषा विक्रांत राय, संयुक्त कलेक्टर मेहताब सिंह, बालाघाट एस.डी.एम. कामेश्वर चौबे एवं अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ जिले के दूर-दराज के ग्रामों से अपनी समस्यायें लेकर आये लोगों की शिकायतों एवं समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को आवेदनों पर कार्यवाही करने के निर्देश दिये है।आज की जनसुनवाई में कुल 151 आवेदक अपनी शिकायतों व समस्याओं के आवेदन लेकर आये थे।

जनसुनवाई में सोनपुरी रोड किरनापुर का निवासी दुर्गाप्रसाद चौधरी शिकायत लेकर आया था कि उसके दो पुत्र है। उसकी पत्नी को 03 अगस्त 2014 को दूसरा पुत्र हुआ था। परिवार छोटा रखने के लिए उसने 27 सितम्बर 2014 को अपनी पत्नी का नसबंदी आपरेशन कराया था। स्वास्थ्य विभाग द्वारा उसे ग्रीन कार्ड भी प्रदान किया गया है। लेकिन उसकी पत्नी का नसबंदी आपरेशन फेल हो गया है। उसकी पत्नी अब गर्भवती है। वह बहुत गरीब है और तीन बच्चों का पालन पोषण करने में असमर्थ है। उसने बीए एवं आईटीआई किया हुआ है और वह शासकीय नौकरी करना चाहता है। लेकिन तीन बच्चों के कारण वह शासकीय नौकरी से वंचित कर दिया जायेगा। अत: उसे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की ओर से इस आशय का प्रमाण पत्र प्रदान किया जाये कि दुर्गाप्रसाद को शासकीय नौकरी देने में कोई आपत्ति नहीं है और उसकी पत्नी सलिता चौधरी को गांव में आशा कार्यकर्त्ता के रिक्त स्थान पर नियुक्त किया जाये। इस शिकायत को सुनने के बाद कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दुर्गा प्रसाद के प्रकरण में कार्यवाही करने एवं नसबंदी फेल होने पर दी जाने वाली राशि प्रदान करने के निर्देश दिये है।

जनसुनवाई में ग्राम चंगेरा का दिनेश सूर्यवंशी शिकायत लेकर आया था कि वह काफी समय से तालाब में मत्स्य पालन एवं सिंघाड़ा की खेती का कार्य करता है। लेकिन ग्राम पंचायत की सरपंच दीपिका वाहने एवं सचिव गांव के शंकर तालाब, पारखण्या तालाब एवं सत्याशी तालाब को पट्टे पर नहीं दे रहे है। सरपंच अवैध रूप से स्वयं ही तालाब में मत्स्य पालन का कार्य कर रही है। गांव का तालाब पट्टे पर नहीं मिलने से उसके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा होने लगा है। अत: उसे गांव के तालाब मत्स्य पालन एवं सिंघाड़ा की खेती के लिए पट्टे पर दिये जायें। इस शिकायत को सुनने के बाद कलेक्टर ने उप संचालक मत्स्योद्योग को प्रकरण की जांच करने के निर्देश दिये है।