पाटिल के अंतिम यात्रा में अन्ना, पवार, उद्धव और मुख्यमंत्री फड़णवीस हुए शामिल

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मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व गृहमंत्री आरआर पाटील उर्फ आबा का अंतिम संस्कार कुछ ही देर में उनके पैत्रिक गांव अजनी के हैलीपैड ग्राउंड पर किया जाएगा। पाटिल के अंतिम दर्शनों के लिए उनके लाखों चाहने वाले अजनी पहुंच चुके हैं। आर.आर की अंतिम यात्रा में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस, वरिष्ठ समाजसेवी अन्ना हजारे समेत एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और राज्य के सभी बड़े मंत्री और राजनेता शामिल हुए हैं। पाटिल के पार्थिव को एक ट्रक में रखकर हैलीपैड ग्राउंड लाया गया। कुछ ही देर में उनका अंतिम संस्कार शुरू होगा।
शाम को उनका पार्थिव शरीर दर्शनार्थ पार्टी के मुख्यालय राकांपा भवन में रखा गया। पाटील के निधन पर राज्य में एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। आज दोपहर 12 बजे सांगली जिले के तासगांव में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। बीते विधानसभा चुनाव के बाद पाटील अस्पताल में भर्ती हुए थे। पाटिल मुंह के कैंसर की बिमारी से पीड़ित थे।
गत दिसंबर में उनका ऑपरेशन किया गया था। तभी से वे अस्पताल में भर्ती थे। सोमवार की सुबह उनकी तबियत बिगड़ने की खबर आने के बाद राकांपा के वरिष्ठ नेता अस्पताल पहुंचे। पहले उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि पाटील की हालत गंभीर लेकिन स्थिर बनी हुई है। लेकिन शाम 4 बजे उनके निधन की घोषणा कर दी गई। शाम साढ़े सात बजे उनके पार्थिव शरीर को मंत्रालय के सामने स्थित राष्ट्रवादी भवन में रखा गया। यहां बड़ी संख्या में लोग उनके दर्शन के लिए पहुंचे। पाटील के परिवार में मां पत्नी के अलावा दो बेटियां हैं।
गंभीरता से नहीं ली बिमारी
करीबियों की मानें तो पाटील ने अपने स्वास्थ्य के प्रति उतना ज्यादा ध्यान नहीं, जितना देना चाहिए था। कुछ महीने पहले ही डॉक्टरों ने पाटील से कह दिया था कि जल्द से जल्द कैंसर का इलाज करा लें, लेकिन उन्होंने इस सलाह को गंभीरता से नहीं लिया। विधानसभा चुनाव से पहले से ही उनकी तबियत खराब रहने लगी थी। डॉक्टरों ने कहा कि फौरन अस्पताल में भर्ती हो जाइए, ताकि आॅपरेशन किया जा सके। पर आबा ने इसे टाल दिया और डॉक्टरों से कहा कि चुनाव निपटने के बाद वे भर्ती होंगे। देर से इलाज तो शुरू हुआ पर तब तक देर हो चुकी थी। कैंसर के इलाज के दौरान ही उन्हें दिल का दौरा भी पड़ा। इस कारण शरीर के सभी अंग दिनोंदिन कमजोर होते गए। फिर डाॅक्टर भी कुछ नहीं कर सके।
राष्ट्रवादी के एक प्रमुख नेता के अनुसार पाटील को राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने भी समय पर इलाज के लिए कहा था खुद पवार को कैंसर है और बरसों से उनका सही इलाज चल रहा है, जिसके कारण वे राजनीतिक जीवन में सक्रिय हैं। उनकी बात को भी आबा टालते रहे।
पवार से थी बेहद करीबी
पाटीलराकांपा सुप्रीमो शरद पवार के बेहद विश्वासपात्र रहे। 1999 में जब शर पवार ने कांग्रेस से अलग होकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी बनाई तो पाटील राकांपा में गए। 1999 के विस चुनाव के बाद जब कांग्रेस-राकांपा ने मिलकर सरकार बनाई तो मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के मंत्रिमंडल में पाटील ग्रामीण विकास मंत्री बनाए गए।
भर्ती होने में की देरी

राजनीतिक जीवन
एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन सरकार में पाटील की हैसियत हमेशा नंबर दो की रही। वह 1990 से लगातार 6 बार सांगली जिले के तासगांव विधानसभा सीट से विधायक थे। पाटिल की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2014 में विधानसभा चुनावों के दौरान मोदी लहर के बावजूद वह अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे। पाटिल 2003 से 2008 तक महाराष्ट्र के गृह मत्री भी रहे। इसी दौरान उन्हें महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी भी सौंपी गई। 2009 में कांग्रेस-एनसीपी के गठबंधन वाली सरकार के दोबारा सत्ता में आने पर उन्हें फिर से महाराष्ट्र के गृह मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
पाटिल अक्टूबर 2009 से सितंबर 2014 तक दोबारा महाराष्ट्र के गृह मंत्री रहे। पाटिल 1979 से 1990 तक जिला परिषद सदस्य भी रहे। महाराष्ट्र में ग्रामविकास मंत्री के तौर पर उन्होंने अच्छा काम किया। महाराष्ट्र में गाडगे बाबा ग्राम स्वच्छता अभियान की शुरूआत भी आरआर पाटिल ने की।
व्यक्तिगत जीवन
16 अगस्त 1975 को सांगली जिले के तासगांव तहसील के अंजनी गांव में जन्मे आर.आर पाटिल का पूरा नाम रावसाहेब रामराव पाटील था। पाटिल ने प्राथमिक शिक्षा गांव के पी बी पाटील स्कूल में पूरी की। इसके बाद उन्होंने सांगली के शांति निकेतन कॉलेज से आर्ट्स और वकालत की पढाई पूरी की। पाटिल को उत्तम वक्ता और सामाजिक सरोकार से जुड़े हुए नेता के रूप में जाना जाता था।
विवादित बयानों की वजह से सुर्खियों में रहे
आर.आर पाटिल महाराष्ट्र की राजनीति में अपने विवादित बयानों की वजहों से भी सुर्खियों में रहे। उनके द्वारा रेप को सही बताने वाले बयान पर खूब विवाद हुआ। विवाद बढ़ता देख पाटिल ने अपने बयान पर माफी भी मांगनी पड़ी थी। 26/11 हमले को लेकर भी पाटिल ने विवादित टिप्पणी करते हुए कहा था ‘छोटे-छोटे शहरों में बड़ी-बड़ी बातें होती रहती हैं’ इस बयान के बाद उन्हें अपनी कुर्सी भी गंवानी पड़ी थी।
श्रद्धांजलि देने वालों का लगा तांता
‘आबा’ के निधन के बाद पूरे महाराष्ट्र में शोक की लहर है। राज्य के सभी बड़े नेताओं ने पाटिल के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित की है।
^कुशल प्रशासक ग्रामीणों के चहेते नेता का अचानक इस तरह चले जाना दुखदायी है। -माणिकराव ठाकरे, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष
^आज मैं और हमारी पार्टी जिस स्थान पर पहुंची हैं उसमें पाटील का बड़ा योगदान है। शरद पवार, राकांपा अध्यक्ष
^एक हाजिरजवाब नेता चला गया। एक अच्छा वक्ता और भला व्यक्ति हमारे बीच नहीं रहा। देवेंद्र फडणवीस, सीएम
^पाटील सच्चे लोकसेवक थे। महाराष्ट्र ने एक अच्छा वक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता खो दिया है। -सी विद्यासागर राव, राज्यपाल,महाराष्ट्र