राज्यपाल ने किया नेमाडे का सत्कार

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मुंबई। राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने मराठी के प्रख्यात लेखक भालचंद्र नेमाडे को ज्ञानपीठ पुरस्कार मिलने पर रविवार को सम्मानित किया। राज्यपाल ने शाल व श्रीफल देकर राजभवन में उनका सत्कार किया। इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि नेमाडे को मिला ज्ञानपीठ पुरस्कार यह पूरे महाराष्ट्र का सम्मान है। इसके बाद नेमाडे ने राज्यपाल के हाथों प्रथम नागरिक सम्मान मिलने पर आभार प्रकट किया।
इस दौरान दोनों के बीच मराठवाड़ा की यादें, हैदराबाद मुक्ति संग्राम, साहित्य, शिक्षा क्षेत्र के अलावा अन्य विषयों पर चर्चा भी हुई। बाद में नेमाडे ने अपने उपन्यास ‘कोसला’ के अंग्रेजी अनुवाद ‹ककून’ की प्रति राज्यपाल को भेंट दी।
नहीं लौटाएंगे ज्ञानपीठ सम्मान

राज्यपाल से मुलाकात के बाद राजभवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत में नेमाडे ने साफ किया है कि वे ज्ञानपीठ पुरस्कार वापस नहीं लौटाएंगे। नेमाडे ने मराठी के लेखक विनय हडीकरांवर को जबाव देते हुए कहा कि उन्होंने साहित्यकार वि.स. खांडेकर और विंदा करंदीकर पर जो कुछ भी लिखा है वह सही है। इसलिए मेरे ज्ञानपीठ पुरस्कार वापस करने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। इससे पहले लेखक हडीकरांवर ने नेमाडे से ज्ञानपीठ पुरस्कार वापस लौटाने की मांग की थी।