MP में देश की सबसे बड़ी टाइगर सफारी बनेगी

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भोपाल. गुजरात के गिर अभयारण्य में एशियाई शेरों की सफारी की तरह मध्यप्रदेश में भी पर्यटक अब ‘टाइगर सफारी’ का मजा ले सकेंगे। प्रदेश के तीन टाइगर रिजर्व कान्हा, बांधवगढ़ और पेंच नेशनल पार्क में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) और राज्य सरकार से टाइगर सफारी की मंजूरी मिल चुकी है। बारिश बाद अक्टूबर में पार्कों के खुलते ही पर्यटक सफारी कर सकेंगे
बड़े क्षेत्रों में फैले टाइगर रिजर्व में पर्यटकों को टाइगर के दर्शन दुर्लभ ही रहते थे। कई बार तीन से पांच दिन तक इंतजार के बाद बमुश्किल टाइगर दिखाई देते थे। बड़े क्षेत्र को घेरकर बनी सफारी में पर्यटक एक दिन में ही टाइगर देख पाएंगे। प्रदेश में 400 हेक्टेयर में बनने जा रही टाइगर सफारी एरिया के हिसाब से देश में सबसे बड़ी होगी। आमतौर पर अभी तक 25 से 50 हेक्टेयर की सफारी बनी हैं। सिर्फ गुजरात के गिर में ‘एशियाटिक लायन सफारी’ लगभग 200 हेक्टेयर की है।
सफारी में होगा टाइगर का एक जोड़ा
– टाइगर सफारी के घोषित क्षेत्र में प्रवेश और बाहर आने का एक ही गेट होगा। एक समय में कांच से पूरी तरह कवर्ड एक या दो गाड़ियां अंदर प्रवेश करेंगी।
– टाइगर का एक जोड़ा ही सफारी में रखा जाएगा। इसके अलावा अन्य वन्यजीवों को भी उसमें छोड़ा जाएगा, ताकि टाइगर व टाइग्रेस को पर्याप्त भोजन मिले।
– कच्ची सड़क। पांच मीटर ऊंची फेंसिंग होगी।
गिर अभयारण्य में यह प्रयोग काफी सफल हुआ है। टाइगर सफारी बनने से कोर क्षेत्र पर दबाव कम होगा। इससे होने वाली आय विकास में खर्च की जाएगी।
– डॉ. राजेश गोपाल, महासचिव, ग्लोबल टाइगर फोरम (एनटीसीए पूर्व सदस्य सचिव)
गुजरात में एशियाटिक शेरों की सफारी के अच्छे नतीजे हैं। मप्र में भी प्रयास होगा कि पर्यटकों को पहले प्रयास में ही बाघ खुले में विचरण करता हुआ दिख जाए।
– नरेंद्र कुमार, पीसीसीएफ व चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन, मप्र