सामाजिक पुलिसिंग के लिए बस्तर के  एसपी आरिफ शेख को मिला आईएसीपी  का आवार्ड 

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विदेश में बजा बस्तर पुलिस का डंका

बस्तर(विशेष सवांददाता)- नक्सल क्षेत्र में आमचो बस्तर आमचो पुलिस  के लिए बस्तर एस पी  शेख आरिफ को एक बार फिर कम्युनिटी पुलिसिंग का आस्कर अवार्ड मिला बस्तर एसपी ने  आमचो बस्तर आमचो पुलिसिंग के संबंध में एक प्रेजेंटेशन भी दिया ।

आईएसीपी द्वारा दिए जाने वाले इस अवार्ड पर लगातार दो सालों से छत्तीसगढ़ पुलिस का ही कब्जा रहा है। । आईएसीपी  यानि इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ़ चीफ ऑफ़ पुलिस  का यह  अवार्ड आरिफ शेख को होमलैंड सिक्युरिटी कैटेगरी के लिए  मिला । पुलिस के लिए इसे  सर्वोच्च इंटनेशनल अवार्ड माना जाता है इस अवार्ड की अहमियत इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि होमलैंड सिक्युरिटी यानि जोखिम वाले इलाकों में सर्वोच्च सामाजिक कामों के लिए इसे  दिया जाता है । विश्व के 24 से ज्यादा देशों के पुलिस प्रतिनिधियों के बीच बस्तर को इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ चीफ ऑफ पुलिस एवार्ड से बस्तर एसपी को  नवाजा गया । छग को दो सालों से यह एवार्ड मिल रहा है और एसपी आरिफ शेख ही  इसे ले रहे हैं  ।  दोनों साल कम्युनिटी पुलिसिंग का खिताब भारत में लाने का श्रेय आईपीएस आरिफ शेख को मिला है। पिछले साल जब वे बालोद के एसपी थे। उस समय भी उन्हें पुलिस का यह अवार्ड मिला था। इस साल वे बस्तर के पुलिस अधीक्षक हैं। इस साल भी यह अवार्ड उन्होंने ने ही लिया ।

दरअसल आरिफ शेख की कप्तानी की सोच कुछ अलग करने की रहती है । बस्तर में पदस्थापना के बाद उन्होंने सामाजिक पुलिसिंग को बल देते हुए अधीनस्थ स्टाफ को निर्देश व मार्गदर्शन दिया । इसी बीच दरभा पुलिस माओवाद से ग्रसित कोलेंग इलाके की सर्चिंग में गई और वहां  पुलिस को देख नाबालिग बच्चे भागने लगे । पुलिस उन्हें पकड़कर साथ ले आई । एसपी को इस घटना की जानकारी मिली वे स्वयं दरभा गए और बच्चों से लम्बी चर्चा में मालूम हुआ कि नक्सली उन्हें गांव की हर दिशा में खड़ा रहने को कहते हैं और पुलिस के आने पर तुरन्त खबर देने की उनकी सख्त हिदायत रहती है । उनसे कभीकभार कपड़े बर्तन भी धुलवाते हैं । स्कूल भी जाने नहीं देते । तब आरिफ साहेब ने उन्हें दरभा पुलिस के संरक्षण में उनकी पूरी जिम्मेदारी उठाने , स्कूल में दाखिल कर उनके रहन सहन व पढ़ाई का खर्च विभाग द्वारा वहां  करने के निर्देश दिए। आज ये बच्चे वापस अपने घर नहीं जाना चाहते और पुलिस की हिफाजत में अपना भविष्य गढ़ रहे हैं । पॉलिस की इसी सामाजिकता की वजह से प्रदेश के साथ बस्तर को भी इंटरनेशनल एवार्ड का गौरव प्राप्त हुआ है। बस्तर एसपी  आरिफ शेख के मार्गदर्शन में पुलिस जिले के नक्सल प्रभावित गांवों में आम्चो बस्तर आम्चो पुलिस यानी हमारा बस्तर, हमारी पुलिस अभियान चला रही है । दरभा और लोहंडीगुड़ा के मारडूम , बिनता इलाके में करीब करीब नक्सलवाद का खात्मा हो चुका है जिसका श्रेय इसी अभियान को जाता है । लोगों में पुलिस के प्रति वर्षों से बनी धारणा में बदलाव और  पुलिस को अपना मित्र मानने में साफ नजर आने लगी है। यही कारण है की विश्व के पटल पर बस्तर का नाम सामने आया और अन्य देशों की भाँती बस्तर को आईएसीपी अवॉर्ड से नवाजा गया ।

आईएसीपी 200 से ज्यादा देशों के पुलिस के काम का मूल्यांकन करती है और फिर इसके बाद बेहतर प्रदर्शन करने वाली पुलिस को यह अवार्ड दिया जाता है। बस्तर पुलिस  आमचो बस्तर-आमचो पुलिस के नाम से सामुदायिक पुलिसिंग के तहत अभियान चला रही है। जिसका जबरदस्त परिणाम देखने को मिला – इस अभियान में नक्सली विचारधारा से जुड़े बच्चों के पुनर्वास की व्यवस्था की जा रही है। नक्सलियों के लिए बाल संघम के तौर पर काम करने वाले बच्चों को नक्सलवाद  के साए से बाहर निकाल कर उन्हें शिक्षित करने के काम पुलिस इसी मुहिम के तहत कर रही है। अब तक एक दर्जन से ज्यादा बच्चों को को शिक्षित करने में बस्तर जुटी हुई है।