प्रधानमंत्री ने राकांपा सुप्रीमो की खुलकर की तारीफ, दोनों ने साझा किया मंच

0
19

पुणे। चार महीने पहले महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों में हुए आरोप-प्रत्यारोप को भुलाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनसीपी नेता शरद पवार शनिवार को एक मंच पर दिखाई दिए। साथ में लंच भी किया। मोदी ने विधानसभा चुनावों में पवार की एनसीपी को “नेचुरली करप्ट पार्टी’ कहा था। लेकिन शनिवार को पवार की भरपूर तारीफ की। शरद पवार के भाई अप्पासाहब पवार के नाम पर सभागृह का उद्घाटन भी किया।
मराठी में अपने भाषण की शुरुआत करते हुए मोदी ने कहा, “हमारे देश में दो अलग-अलग पार्टी के नेताओं का मिलना खबर बन जाती है। हम अलग-अलग पार्टियों से हैं, लेकिन हमारे राष्ट्रीय हित एक हैं। पवार से मैंने बहुत कुछ सीखा है। हमारी और पवार की मुलाकात हर महीने दो-तीन बार जरूर होती है। ऐसा कोई महीना नहीं होता, जब फोन पर हमारी बातचीत नहीं होती। हम लोकतांत्रिक देश में रहते हैं। यहां किसी की भी आलोचना कर सकते हैं।
मेरे यहां से जाने के बाद पवार मेरे खिलाफ बयान दे सकते हैं। हम भी ऐसा कर सकते हैं। लेकिन हमारा मकसद देश का विकास ही है।’

पर्याप्त पानी मिले तो मिट्‌टी सोना बन जाती है : मोदी ने कहा, “पहले हम सुनते थे यदि पारस पत्थर लोहे को छू ले तो सोना बन जाता है। हमने कभी वह पारस पत्थर देखा नहीं, लेकिन यदि पर्याप्त पानी मिले तो मिट्टी सोना बन सकती है। पानी को बर्बाद न करें। देश के सभी क्षेत्रों को पानी कैसे मिले, नदियों का पानी कैसे संचय किया जाए, इस पर भारत सरकार प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के तहत काम कर रही है। जितना पानी हम बचाएंगे, उतना किसान विकास कर सकेंगे।

विकास के केंद्र में युवा:मोदी : प्रधानमंत्री ने पुणे ���ें चाकण स्थित जनरल इलेक्ट्रिक्स (जीई) की परियोजना का उद्घाटन करते हुए कहा कि देश में फिलहाल युवओं के विकास के लिए काफी नए अवसर उपलब्ध हैं। विकास के केंद्र स्थान पर युवा ही हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से मेक इन इंडिया के माध्यम से अच्छे कदम उठाए गए हैं। सरकारी नियमों व शर्तों के कारण औद्योगिक क्षेत्र में कंपनी स्थापित करने के लिए पहले कई प्रकार की मंजूरी जरूरी थी लेकिन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने कई नियमों को हटाया है।
धनगर समाज आरक्षण पर पीएम दें ध्यान : पवार
शरद पवार ने कहा कि धनगर समाज को आदिवासी समाज की तरह आरक्षण मिलना चाहिए। लेकिन आरक्षण का निर्णय संसद में ही हो सकता है। इसलिए प्रधानमंत्री इस पर विशेष ध्यान दें। आवश्यक सहयोग देने के लिए हम तैयार हैं।
गरीबी से मुक्ति के लिए लाखों सैनिकों की जरूरत
मोदी ने कहा, “महात्मा गांधी ने आजादी की जंग के लिए देश के लोगों को जगाया था। उसी तरह गरीबी से मुक्ति के लिए लाखों सैनिकों की जरूरत है, जो गांव-गांव जाकर गरीबी के खिलाफ ज्योति जला सकें। गरीबी से मुक्ति में सबसे बड़ा हथियार किसानी है। किसान इतनी मेहनत करते हैं लेकिन उत्तम तरीके से जीवन जीने की उनकी अपेक्षाएं अभी पूरी होनी बाकी हैं। पवार जी हमें सुझाव देंगे कि हमें क्या करना चाहिए। जो बातें पिछले 10 वर्ष में अधूरी रह गई थीं उन्हें शायद पूरा करने का अवसर मेरे नसीब में है।’
मुलाकात के मायने : मोदी –पवार की मुलाकात से नए राजनीतिक समीकरण की अटकलें चल पड़ी हैं। दोनों ही नेताओं ने साफ किया कि इस भाईचारे का कोई और मतलब न निकाला जाए। लेकिन राज्य में भाजपा के शिवसेना से रिश्तों में खटास को देखते हुए इस मुलाकात के अलग मायने निकाले जा रहे हैं।