छतीसगड मे पवार समाज को ओबीसी का लाभ दिलाने मुख्यमंत्री से मिलेगा शिष्टमंडल

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रायपूर,१३ सितबंर-मध्यप्रदेश,महाराष्ट्र एंव छत्तीसगड राज्य मे बहुसंख्य समाज के गिनती मे आनेवाला पवार,पोवांर समाज सqवधान के ३४० कलम अंतर्गत ओबीसी(अन्य पिछडा वर्ग) प्रवर्ग मे आता है। लेकीन १९ साल पुर्व जब मध्यप्रदेश का विभाजन कर नया छत्तीसगड राज्य निर्माण किया गया उसके बाद से छत्तीसगड निवासी पवार,पोवार समाज के लोगों को जो मध्यप्रदेश मे ओबीसी मे आता है । उसे छत्तीसगड सरकारने ओबीसी प्रमाणपत्र न देकर सुविधायोंसे वंचित रखा इस बात को ध्यान मे रखते हुये ,राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ,राष्ट्रीय पवार क्षत्रिय महासभा एंव छत्तीसगड पवार समाज संघटन की और से १२ सितंबर को बैठक आयोजित कर समाज को ओबीसी की सुविधाये मिलने हेतु मुख्यमंत्री डॉ.रमणqसह से मुलाखात कर चर्चा करने पर चर्चा की गयी । यह बैठक रायपूर के चंगेराभाटा स्थित पवार समाज संघटन के सभागृह मे ली गयी । बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के कार्याध्यक्ष एंव पुर्व सासंद डॉ.खुशालचंद्र बोपचे इन्होने की.बैठक मे राष्ट्रीय पवार महासभा के संघटन सचिव एंव राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के सहसचिव खेमेंद्र कटरे,राष्ट्रीय पवार महासभा के छत्तीसगड उपाध्यक्ष राजेंद्र पटले,गोंदिया जिल्हा ओबीसी संघर्ष कृती समिती के जिलाध्यक्ष बबलू कटरे,प्रदेश अध्यक्ष एच.के.बिसेन, रायपूर संघटन के अध्यक्ष किरणकुमार चव्हाण,भिलाई संघटन के अध्यक्ष लेखसिंहजी राणा विशेष अतिथी के रुप मे मंचासिन थे ।
इस बैठक की अध्यक्षता करते हुये पुर्व सासंद डॉ.बोपचे ने कहा की,भारतीय सqवधान के वजह से ही आज हम शिक्षा,नोकरी से लेकर राजनिती एंव सामाजिक क्षेत्रो मे खुलकर काम कर रहे है । पहले हम राजा थे लेकीन आज हमारा गावखेडे मे रहनेवाला समाज विकास से कोसो दूर है.जो समाज शैक्षणिक,सामाजिक क्षेत्र मे कमजोर है । उसे उसके बराबर लाने के लिये भारतीय सविंधान मे डॉ.बाबासाहाब आबेंडकर एंव उनको सहयोगीयोंने ओबीसी(अन्य पिछडा वर्ग) को उनके जनसंख्या के आधार पर प्रतिनिधीत्व मिले इसके लिये कलम ३४० लिखी है । जिसके बारे मे हमारे समाज भाईयोंके विस्तृत एंव सही जानकारी नही मिलने से कुछ लोग उसका विरोध कर समाज को गुमराह कर रहे है । अंग्रेजो के जमाने मे हमारी गिनती हो सकती है लेकीन अभी सरकार हमारी गिनती करने से क्यु कतराती है इसका हम सबने अध्ययन करने की जरुरत इसलिये है । अगर हमारी जातीगत गिनती के आकडे सामने आते है, तो उस आधारपर हमे सqवधानिक अधिकार देना है । विद्यमान केंद्र की सरकार ने ओबीसी आयोग को सqवधानिक दर्जा देकर सविंधान की कलम ३४० को सयी मायने मे साकार करने का प्रयास किया है । अब हमारी गिनती सरकारने करना चाहिये एंव मध्यप्रदेश ,महाराष्ट्र मे जो ओबीसी के अधिकार,लाभ हमारे समाज को मिल रहे वह छत्तीसगड सरकारने भी तुरंत देने की पहल करना चाहिये एैसे विचार व्यक्त किये ।
इस अवसरपर बोलते हुये गोंदिया जिला ओबीसी संघर्ष कृती समिती के अध्यक्ष बबलू कटरे ने कहा की,हमारा देश कृषीप्रधान देश है यह हम बोलते है,लेकीन हमारा देश कृषीप्रधान देश नही तो,जातीप्रधान देश है । अगर हम जम्बोदिप को अपना मानते है तो हम मुलनिवासी है । हमने अपने पुर्व इतिहास को सही मायने मे समज नही पाये इसलिये आज हम हम दर दर भटक रहे है । हजारो साल पहले भलेही हम क्षत्रिय रहे होंगे लेकीन आज जिस सqवधान के माध्यम से देश चलता है उस सविंधान के हिसाब से ओबीसी (अन्य पिछडा वर्ग) मे आते है । हम पहले भलेही संपत्ती एंव खेती मे अग्रसर रहे होंगे लेकीन शिक्षा मे पिछे हे थे । लेकीन आज हम संपत्ती एंव खेती मे भी पिछड गये है । सविंधान की कलम ३४० जो की डाँ.आंबेडकर ने कलम ३४१ एंव ३४२ के पहले लिखी वह ओबीसी के लिये है यह जानकारी हमारे समाज से छुपाने का काम हमारे विरोधियोंने कर हमे सqवधानिक मूलभूत अधिकारो से वंचित रखने का काम किया गया । और हम सqवधान की कलम न समजते हुये उसका विरोध करते रहने से आज अपने मूलभूत अधिकारो से वंचित हो गये । आज भी हमारा समाज गाव मे रहता है उसे किस हालात मे झुंजना पडता है यह चित्र बदलने के लिये हमे लढाई लढनी होगी और हमारे को सqवधानिक अधिकारो से वंचित रखने के लिये जो काम कर रहे उन्हे सबक सिखाना जरुरी होगा एैसे विचार व्यक्त किये ।

इस अवसर पर राष्ट्रीय पवार महासभा के संघटन सचिव एंव राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के सहसचिव खेमेंद्र कटरे इन्होने छत्तीसगड मे जो पवार समाज ओबीसी के न्यायिक अधिकारो से सरकार के गलत नितियो के कारण वंचित है या जानबुझकर रखा जा रहा है । उसके लिये छत्तीसगड सरकार से जल्दही बैठक कर समस्या का समाधान निकालने के लिये राष्ट्रिय पवार क्षत्रिय महासभा एंव ओबीसी महासंघ समाज के साथ मे है । हमारे समाज के वरिष्ठोने समाज को ओबीसी मे लाने के लिये जो प्रयास १९७०-८४ के बिच मे किये है उनका विश्वास हमे कायम रखना है । एच.के.बिसेन इन्होने छत्तीसगड मे पवार समाज को ओबीसी मे लाने के लिये हम सब समाज के साथ है क्यु की हम मध्यप्रदेश महाराष्ट्र मे भी ओबीसी है तो हमे यहापर भी यह अधिकार मिलना चाहिये । व्ही.बी.देशमुख इन्होने छत्तीसगड सरकार के पिछडा वर्ग आयोग को २००६ मे मिलकर समाज की जानकारी देने की बात रखी । भिलाई संघटन के अध्यक्ष लेखसिंहजी राणा इन्होने हमे अपने ग्रामीण अंचल मे रहनेवाले समाजभाईयो के बारे मे सोचकर समाज को सqवधानिक सुविधा मिलने हेतु ओबीसी मे लाने की जरुरत बताई । आय.एल.पटले,भागवत देशमुख,किरणकुमार चव्हाण,मुन्ना बिसेन,किशोर पटले,नेपाल पटले आदीने भी इस अवसर पर विचार व्यक्त किये ।

प्रस्तावना राष्ट्रीय पवार क्षत्रिय महासभा के उपाध्यक्ष राजेंद्रजी पटले इन्होने की । प्रस्तावना मे पटले इन्होने बताया की हमारा समाज आज बहोत समस्यायोसे जुंझ रहा है उन्हे सही मार्गदर्शन की जरुरत है सqवधानिक अधिकार हमारा अधिकार है वो समाज को दिलाने के लिये छत्तीसगड सरकार हमे ओबीसी की सुqवधा उपलब्ध कराये । बैठक मे मिथुन रहागंडाले,बिरजलाल ठाकरे,सी.बी.बिसेन,हेमचंद पटले,जियालाल ठाकरे,बंसत बघेले,राजेंद्र बिसेन,अजय बिसेन,थानेश्वर बिसेन,पी.आर.येडे,कोमल पटले,डिलनqसह ठाकरे,उमेश कटरे,रामेश्वर एडे,केशोराव रहागंडाले,पकंज पटले,एस.एल.चौधरी,चैनलाल रहागंडाले,रमाकांत ढाले,सेवेंद्र पटले,रमेश पटले,जितेंद्र बिसेन,तेजलाल चौधरी,पी.आर.बिसेन,मनोहर रहागंडाले इनके अलावा अन्य समाजबंधु उपस्थित थे ।