संगठन ही राजनैतिक प्रगती का मूलाधार है- प्रदीप जायसवाल

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गोंदिया,दि.21- समूचे भारतवर्षमें कलार समाज का विशाल अस्तित्व है। किंतू, विभिन्न उपजातियोंमें बटा होने के कारण इस समाज का राजनैतिक प्रभाव काफी कम दिखाई पडता है। जो समाज संगठित है, वह समाज प्रगतिशील समाज कहलाता है। उद्योग, व्यापार, शिक्षा व समाजिक क्षेत्रमें उन्नत होने के कारण सभी राजनैतिक संगठन का ध्यान वह समाज अपनी ओर आकृष्ठ करता है। किसी भी समाज का संगठन ही उस समाज की राजनैतिक प्रगती का मूलाधार होता है। यह विचार मध्यप्रदेश शासन के खनिजमंत्री ना. प्रदीप (गुड्डा) जायसवाल इन्होने गोंदिया में कल रविवार (दि.20) व्यक्त किये। दरम्यान, स्थानिक विधायक निधीसे निर्मित समाज भवन का भूमिपुजन विधायक गोपालदास अग्रवाल इन्होने किया।

ना. प्रदीप जायसवाल स्थानिक पिंडकेपार मार्गस्थित जैनकलार समाज भवन में आयोजित जैनकलार समाज संमेलन के उपलक्षपर अपने अध्यक्षीय संंबोधनमें बोल रहे थे। इस समारोह का उद्घाटन भारत सरकार के भारतीय जीवजंतू कल्याण बोर्ड के सदस्य मोहनसिंग आहलुवालिया इनके करकमलोद्वारा किया गया। विशेष अतिथी के रूप मे स्थानिक विधायक गोपालदास अग्रवाल, जैन कलार समाज जिलाध्यक्ष तेजराम मोरघडे, गोंदिया जिला परिषद सभापती शैलजा सोनवाने,  जिप सदस्य दुर्गा तिराले,  अखिल भारतीय कलार समाज के गोंदिया जिलाध्यक्ष मुकेश शिवहरे, राष्ट्रीय कलचुरी एकता महासंघके अध्यक्ष दीपक जायसवाल, गोंदिया एअर पोर्टके विमान पत्तन निदेशक सचिन खंगार,  गोंदिया पंचायत समिती के माजी सभापती प्रकाश रहमतकर, नागपूरसे सामाजिक कार्यकर्ता दीपक जायसवाल, भंडारा से मनोहरभाई पटेल अभियांत्रिकी महाविद्यालय के प्राचार्य प्रल्हाद हरडे, अशोक लिचडे, काशिनाथ सोनवाने आदी मान्यवर मंचपर उपस्थित थे। इस अवसर पर स्थानिक विधायक निधी से निर्मित समाज भवन का भूमिपूजन विधायक गोपालदास अग्रवाल इनके हस्ते किया गया।
 अपने संबोधन में मंत्रिमहोदय ने आगे कहा, कलार समाज भारतीय इतिहास में गौरव का स्थान रखता है। संख्या की तादाद काही बडी होने पर भी अपने समाज की राजनैतिक पृष्ठभूमि काफी कमजोर है। कारण अपना विशाल समाज 27 विभिन्न उपजातियोंमे बटा होने से हमारी संगठनात्मक शक्ती कमजोर है। इस विशालतम समाज को एकसंघ करने के कार्य राष्ट्रीयस्तर पर विशेष रूप से जारी है। अलग अलग मंचपर कार्यक्रम आयोजित करना बंद कर हम सभी को अपना मंच साजा करते हुए अपनी उपस्थिती दर्ज करानी होगी। 
श्री आहलुवालियाजीने जोर देकर कहा हमें अलग अलग उपजातियोंसे उपर उठकर अपनी एकता का परिचय देना होगा। शिक्षा, व्यापार एवम शासकीय नोकरीओंमें स्थान पाकर अपना राजनैतिक कद उॅंचा करना हो तो हमे एक मंचपर आने की नितांत आवश्यकता है। अन्यथा गौरवमयी कलार समाज को हमेशा दुसरोंकी सहायता पर निर्भर रहना पडेगा। यह समाजहित में कतई नही होगा।
प्रास्ताविक गोंदिया जिला जैनकलार समाज ते सचिव सुखराम खोब्रागडे इन्होने किया। संचालन उमेश भांडारकर एवम आभार वरून खंगार इन्होने व्यक्त किये।
दरम्यान, महिलाओके लिए हलदीकुंकू व महिला संमेलन का आयोजि किया गया था। इस कार्यक्रम का संचालन यशोधरा सोनवाने एवम प्राजक्ता रणदीवे इन्होने किया. इस अवसर पर रंगोली, मेहंदी और नृत्य स्पर्धा का आयोजन भी किया गया था। विजेता एवम समाज के होनहार छात्र- छात्राओ का भी उचित सम्मान मान्यवरोंके हस्ते किया गया।
इस समारोह को सफल बनाने हेतूशिलिकराम लिचडे, अशोक इटानकर, मोहन रामटेक्कर, ओंकार लिचडे,मुकेश हलमारे, शीला इटानकर, प्राजक्ता रणदीवे, अर्चना तिडके, गीता दहिकर, साधना मुरकुटे, हर्षा आष्टीकर, चेतना रामटेक्कर, चंंद्रशेखर लिचडे,सचिन पालांदूरकर, राजकूमार पेशने, पुरषोत्तम भदाडे, अतुल खोब्रागडे,मनोज किरनापुरे, संजय मुरकुटे आदी ने सहकार्य किया।