नदी किनारे बसे 155 मकानों का पुनर्वास

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तुमसर,16 मई. जीवनदायिनी वैनगंगा नदी का पिछले 20 वर्षों से प्रवाह बदला है. प्रवाह का परिणाम तुमसर तहसील के रेंगेपार के 155 मकानों पर पड़ा है. तुमसर एवं तिरोडा तहसील की सीमा से वैनगंगा नदी बहती है. प्रतिवर्ष रेतीघाट की नीलामी की जाती है. तिरोड़ा सीमा में रेती संग्रहण है. तुमसर तहसील में रेती के उत्खनन से पात्र गहरा हुआ है. वर्षाकाल में नदी का प्रवाह तुमसर तहसील के हद से बहता है. वर्षाकाल में पानी के प्रवाह को बड़ी गति रहती है. इस कारण नदी खिसकती जा रही है.

वैनगंगा नदी ने नदी किनारे पर स्थित आधे किमी परिसर को निगल लिया है. जिसके चलते 155 परिवार का पुनर्वास सरकार ने किया है, किंतु 2 परिवार अभी भी भूखंड की प्रतीक्षा में है.70 परिवार को मिला घरकुल इसके पूर्व रेंगेपार नदीपात्र से 1 से सवा किमी दूर था, किंतु पिछले 20 वर्षों में वैनगंगा का प्रवाह लगातार गांव की दिशा से मूड़ रहा है. आधा किमी परिसर वैनगंगा ने अपने गोद में लिया है. सरकार ने नदी किनारे पर स्थित 155 परिवार की दखल लेते हुए अभी तक 85 परिवार को भूखंड दिया है और 70 ग्रामवासियों को घरकुल दिया गया. इसके लिए स्थानीय ग्रामवासियों को सरकार से बड़ा संघर्ष करना पड़ा.आंदोलन, मोर्चा, जलसमाधि लेकर सरकार का ध्यान आकर्षिक हुआ था. रेंगेपार के गुलाब कावले एवं कला शेंडे को पुनर्वास का लाभ नहीं मिला. ग्रामवासियों ने अवगत करने से उनके नाम प्रतक्षिा सुची में आए है. यह परिवार आज भी नदी किनारे पर जान हथेली में रखकर निवास कर रहे है.