किसानो के हक का यूरिया की कालाबाजारी कर रहे दोषियों पर हो कार्यवाही – उपसरपंच शेखर सहारे

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गोंदिया-खेतों में धान की फसल लहलहा रही है। रोपनी के 21 दिनों के बाद जब किसानों को यूरिया की जरूरत पड़ी तो कीमत सुनकर उनके होश उड़ गए। अधिक कीमत लेने के लिए दुकानदार खाद नहीं होने का बहाना भी बना रहे हैं। दुकानदार किसी तरह यूरिया उपलब्ध कराने को तैयार होकर ऊंची कीमत पर इसकी बिक्री कर रहे हैं। किसान ऊंचे दाम पर यूरिया खरीदने को विवश हैं। कई किसान कालाबाजारी को देखते हुए यूरिया की खरीदारी नहीं कर पा रहे हैं। खाद के लिए किसान भटक रहे हैं । पूरे जिले में यही स्थिति है । यूरिया के धान के खेतों में प्रयोग करने का समय निकलता जा रहा है। किसानों को जरूरत के अनुरूप खाद नहीं मिल पा रहा है । किसान इसे लेकर चितित हैं । ससमय उर्वरकों के प्रयोग नहीं होने से उत्पादन पर विपरीत असर पड़ सकता है। बेहतर फसल के उत्पादन के लिए यूरिया का प्रयोग करना चाह रहे हैं । कालाबाजारी के कारण किसान मन मारकर यूरिया की खरीदारी नहीं कर पा रहे हैं। यूरिया की कीमत प्रति बैग 267 रुपये निर्धारित है। लेकिन दुकानदार 267 की जगह 400 से 450 रुपये प्रति बोरा बेच रहे हैं। दुकानदार कह रहे हैं कि वे सभी ऊंची कीमत देकर यूरिया खाद खुद ला रहे हैं । ऐसे में नुकसान का कारोबार वे कैसे कर सकेंगे । यूरिया की कालाबाजारी के खेल में केवल शहरी दुकानदार ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में चोरी-छुपे बगैर लाइसेंस संचालित दुकान वाले भी शामिल हैं। यूरिया खाद घरों में छुपाकर रखा जा रहा है । किसानो को इस वजह से काफी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है इसलिए  अर्जुनी के उपसरपंच शेखर सहारे ने जिलाधीश से मांग की है की किसानो के हक का यूरिया की कालाबाजारी करनेवाले लोगो पर कार्यवाही की जाये अन्यथा किसानो के हित में तीव्र आन्दोलन किया जायेगा |