पिछडे वर्ग के सवैंधानिक अधिकारो के लिये समाज सामने आये-पुर्व सांसद डाॅ.बोपचे

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भिलाई(berartimes.com)-हजारो सालो से जिन्होने अघोषित आरक्षण मे माध्यम से प्रशासनिक व्यवस्थापर कब्जा कर ओबीसी,एसी,एसटी जो समाज यहा का मुलत निवासी है। उनके अधिकारो छिना है वही समाज आज जब पिछडा वर्ग(ओबीसी) अपने अधिकार के लिये लडने की बात कर आंदोलन की भाषा करता है। तो वे कुछ लोग जिन्होने मनू के काल से शिक्षा से लेकर बहोतशी बातो मे एकाधिकार ले रखा था वो आज हमारे समाज के पढे लिखे लोंगो को गलत जानकारी देकर आरक्षण का विरोध करने लगाते है। एैसे लोगो से सावधान रहते हुये भारत के सविंधान मे पिछडा वर्ग याने ओबीसी को दिये 340 वे कलम के अधिकार के लिये लडाई लढने की अब बारी आ चुकी है।महाराष्ट्र ,मध्यप्रदेश मे पोवार ,पवार समाज पिछडे वर्ग मे आता है।यहा नही आता उस लिये संघटित होना चाहिये एैसे विचार पुर्व सासंद एंव राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के राजकीय समन्वयक डाॅ.खुशालराव बाेपचे इन्होने व्यक्त किया।
वे आज (14 जनवरी) भिलाई के दिक्षित नगर स्थित राजाभोज मंगल कार्यालय मे पवार क्षत्रिय संघ के 50 वे स्वर्ण जंयती उत्सव कार्यक्रम एव वार्षिक स्नेहसमेलंन मे मुख्य अतिथी के तौर पर बोल रहे थे।इस अवसर पर दुर्ग के सांसद ताम्रध्वज साहू,महापौर श्रीमती चंन्दिका चंद्रकार,राष्ट्रीय पवार क्षत्रिय महासभा के पुर्व अध्यक्ष इंजि.टी.डी.बिसेन,पुर्व विधायक भजनसिंह निरकांरी,भोयर पवार क्षत्रिय महासभा नागपूर के अध्यक्ष डाॅ.एन.डी.राऊत,प्रांतिय अध्यक्ष एच.के.बिसेन,गेंदलाल चौधऱी,राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के प्रसिध्दी प्रमुख एंव गोंदिया भंडारा जिल्हा ओबीसी संघर्ष कृती समिती के सयोंजक खेमेंद्र कटरे,जिवन लंजे,रायपूर के गोविंद गौतम,छिंदवाडा से सुनिल गौतम,आर.सी.पटले आदी मान्यवर अतिथीयोंकी उपस्थिती थी।
डा.बोपचे ने आगे कहा की,मध्यप्रदेश,महाराष्ट्र एंव छत्तीसगड प्रदेश मे बडी तादाद मे पोवार,पवार,भोयर पवार समाज हजारो सालो से रह रहा है। किंतू कुछ पाच सांत सालोसे छ्त्तीसगड सरकारने ओबीसी(पिछडा वर्ग) मे आनेवाले पोवार,पवार समाज को इस सूची से हटा देने से समाज के साथ अन्याय हुआ है। जबकी जिस मध्यप्रदेश राज्य से अलग होकर छत्तीसगड को राज्य का दर्जा दिया उस मध्यप्रदेश मे पोवार,पवार समाज पिछडा वर्ग (ओबीसी)मे आज भी सामील है छत्तीसगड राज्य होने पांच साल बाद तक छत्तीसगड मे भी समाज पिछडा वर्ग (ओबीसी)मे आता था। लेकीन सरकारने पांच साल बाद बनाये पिछडा वर्ग यादी से समाज को वंचित रख कर सवैंधानिक अधिकारोसे वंचित रखा है। आज समाज के कुछ लोग पढलिखकर आगे बढ गये इससे पुरा समाज विकसित हो गया एैसा नही है। आज भी अपने समाज के लोग खेती मे ही काम कर गुजारा करते है। वो अपने बच्चो को ठिक से पढा लिखा नही सकते,इसलिये पवार समाज के सभी संगठन पदाधिकारीयोसे बिनंती है की सविंधान ने दिये पिछडे(ओबीसी) वर्ग के अधिकारो की लढाई मे भी अपना योगदान देने के लिये तैयार रहे एैसा अनुरोध भी किया।
इस अवसर पर दुर्ग के सांसद ताम्रध्वज साहू इन्होने समाज को संघटित कर अपने संगठन की 50 वी वर्षगाठ मनानेपर पवार क्षत्रिय संघटन को बधाई देते हुये संस्कार और शिक्षा अपने पाल्यो को माता पिताने देना चाहिये।जबतक अपने बच्चो को संस्कार,संस्कृती की जानकारी नही होगी वह अपने से बडो का आदर नही कर सकता इसलिये संस्कार बहोत ही महत्वपुर्ण है। साथ ही अपने बच्चो को पढाई लिखाई के वक्त उनके उपर दबावतंत्र का प्रयोग ना करे ताकी वह परिक्षा के समय कुछ गलत न कर बैठे,उसके लिये वह जो करना चाहता है वही उसे करने मे साथ देने का अनुरोध किया। सासंद साहू बोले की हम सब अपने बच्चो को डाॅक्टर इंजिनियर ही बनाना चाहते है,ये सब बन गये तो शिक्षक,नेता कोन बनेगा इसका भी विचार होना जरुरी है यह कहकर समाजभवन के विकास के लिये 5 लाख की निधी के साथ और निधी देना का वादा उन्होने किया।
इस अवसर पर दुर्ग की महापौर चंद्रिका चंद्राकार इन्होने पवार क्षत्रीय समाज संघटन भिलाई दुर्ग को बधाई देते हुये समाज मे शिक्षित महिलाओ का प्रमाण बढाने के साथ महिला सक्षमीकरण की बात की। कार्यक्रम मे बच्चो के सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये।इसअवसर पर सगठन द्वारा प्रकाशित स्मरणिका का प्रकाशन अतिथियो के हस्ते किया गया।दुर्ग एव भिलाई सगंठन मे शादी कर आये बहुओंका परिचय भी इस अवसरपर समाज के सदस्यो से कराय गया।
कार्यक्रम का संचालन नंदलालजी चौधरी इन्होने किया। भिलाई संगठन के अध्यक्ष लेखसिंह राणा इन्होने भी विचार रखे। सफलता के लिये भिलाई इकाई पवार क्षत्रिय समाज सगंठन के संगठन समन्वय प्रभारी नामदेव बारंगे,उपाध्यक्ष श्यामकिशोर पटले,कोषाध्यक्ष नितिराज रहागंडाले,राध्येशाम देशमुख,डिलेश बोपचे,टुण्डीलाल पटले,सुरजलाल पटले,नागेश कटरे,डाॅ.वाय.आर.कटरे,नंदलाल चौधरी,एच.के.बिसेन,इंजि.ए.आर.रहागंडाले,प्रभाकर खौसी छोटेलाल पारधी,सेवकराम बिसेन,छत्रपाल रहागंडाले,श्रीमती ममता रहागंडाले,आशा शरणागत,छाया जैतवार,अरुणा गौतम,पुजा ठाकरे,रेँणु रिनायत,डिलेश्वरी भगत,गायत्री ठाकरे,मंजु बिसेन,सविता कटरे,शंकुतला पवार,दुर्गाप्रसाद भगत,देवीलाल बिसेन,बीरजलाल बोपचे,भोजकुमार कटरे,कैलाश बिसेन आदी समाजबंधूओने सहकार्य किया।