श्रमदान से बना अध्ययन कक्ष, अनेकों को मिली नौकरी

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गोंदिया.-शासकीय नौकरी प्राप्त करना दिनोंदिन कठिन होता जा रहा है। शहरों में कोचिंग आदि की पर्याप्त व्यवस्था होने से युवक स्पर्धा परीक्षाओं की बेहतर तैयारी कर नौकरी प्राप्त कर लेते हैं। लेकिन गरीबी, भौतिक सुविधाओं एवं उचित मार्गदर्शन के अभाव में ग्रामीण युवक स्पर्धा परीक्षाओं में पिछड़ जाते हैं। इस बात को भांपकर जिले की आदिवासी बहुल नक्सलग्रस्त सालेकसा तहसील में आनेवाले मात्र ३ हजार की जनसंख्या वाले ग्राम भजेपार के कुछ उत्साही ग्रामीण युवकों ने मिलकर वर्ष २०१३ में श्रमदान से सार्वजनिक अध्ययन कक्ष का ग्राम में निर्माण किया। इस अध्ययन कक्ष में विविध विषयों का अध्ययन कर ग्राम एवं आसपास के परिसर के अनेक युवक आज शासकीय नौकरी प्राप्त करने में सफल हुए हैं।
उल्लेखनीय बात यह है कि भजेपार ग्राम पूर्णत: कृषिप्रधान है। इस ग्राम के पिछड़ेपन का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस गांव में आज तक एसटी की बस भी नहीं पहुंच पाई है। अनेक मुलभूत सुविधाओं से भी ग्रामवासी आज भी वंचित है। लेकिन गांव के उपक्रमशील नागरिक एवं युवकों ने हर बात के लिए शासन का मुंह ताकने की बजाय अपने बल पर ही गांव का नक्शा बदलने का फैसला किया है। शासकीय नौकरी प्राप्त करने के लिए स्पर्धा परीक्षाएं देनी पड़ती है। इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए अमीरों के लड़के बड़े शहरों में जाकर कोचिंग क्लासेस में शिक्षा अर्जित करते हैं। लेकिन जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, वे शहर में जाकर कोचिंग क्लास लगाने में असमर्थ होते है। गांव के होनहार युवक स्पर्धा में पिछड़े ही न रह जाए, इसलिए ग्रामीणों ने मिलकर श्रमदान के माध्यम से नवंबर २०१३ में गांव में सार्वजनिक अध्ययन कक्ष बनाया है। जो २४ घंटे शुरू रहता है। इसमें अध्ययन कर अब तक गांव के १८ युवकों ने शासकीय नौकरी हासिल की है। जिससे उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार आया है। वहीं उनसे प्रेरणा लेकर गांव के सैकड़ों युवक-युवतियां अब इस अध्ययन कक्ष में दिन-रात अध्ययन कर परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। यह जिले का एकमात्र अध्ययनकक्ष है जो श्रमदान से तैयार किया गया एवं अल्पावधि में ही अनेक युवाओं के उज्जवल भविष्य के सपनों को साकार करने में सफल रहा है।

अधिकारियों द्वारा मार्गदर्शन

अध्ययन कक्ष में समय-समय पर उच्च पदस्थ अधिकारियों के माध्यम से युवाओं को स्पर्धा परीक्षा संदर्भ में मार्गदर्शन किया जाता है। सप्ताह में एक बार परीक्षा लेकर युवकों की गुणवत्ता की जांच की जाती है। इस अभिनव उपक्रम से भजेपार यह गांव जिले में प्रसिध्द हो गया है।अध्ययन कक्ष में अध्ययन कर शासकीय नौकरी प्राप्त करनेवाले युवाओं का सत्कार वर्ष में एक बार 12 जनवरी को युवा दिवस के अवसर पर किया जाता है। ताकि उनसे प्रेरणा लेकर गांव के अन्य युवक-युवतियां भी स्पर्धा परीक्षा के तैयारी कर सके। साथ ही स्पर्धा परीक्षा मार्गदर्शन शिविर आयोजित किया जाता है। जिसमें उच्च अधिकारियों को मार्गदर्शन के लिए बुलाया जाता है।