केंद्र सरकार लोधी समाज पर कर रही हैं संविधानिक अत्याचार

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इंजि राजीव ठकरेले के आमरण उपोशन को तोड़ने के लिए सरकार ने पुलिस बल का किया प्रयोग
नई दिल्ली। महाराष्ट्र एवं झारखंड राज्य के लोधी, लोधा, लोध जाति को केंद्र की ओबीसी की सूची में शामिल करने हेतु लोधी इंजि राजीव ठकरेले ने अकेले ही ‘आमरण उपोशन‘ करने का निर्णय लिया था। जिसमें संख्या नहीं समर्पण का भाव था। क्योंकि हजारों की संख्या में पिछले साल ५ दिसंबर को राष्ट्रव्यापी शांतिपूर्ण ‘लोधी अधिकार जन आंदोलन‘ कीया गया था। फिर भी केंद्र सरकार द्वारा सिर्फ आश्वासन ही मीला था। इसलिए पूरा ‘आमरण उपोशन‘ सिर्फ और सिर्फ समर्पण पर आधारित रखा गया था।
दि २४ दिसंबर २०१७ को गोंदिया से समता एक्सप्रेस से आंदोलन के लिए सात युवाओं की टिम निकलीं जिसमें लोधी संदीप नागपुरे, लोधी राकेश बंभारे, लोधी जितेंद्र लिल्हारे, लोधी संदेश पतेहै, लोधी संदीप नागपुरे, राकेश खरोले और उपोशन कर्ता लोधी इंजि राजीव ठकरेले सामिल थे।
सरकार ने अनुमती तो दे दिया था लेकिन उपोशन को रोकने के लिए हर संभव प्रयास शुरूआत से ही कर रही थी। इसी वजह से दिल्ली के रामलीला मैदान में दिल्ली के सांसद माननीय उदित राज जी की ‘आरक्षण बचाओ महारैली‘ पहले से ही आयोजित थी। इसलिए हमें उन की रैली के समापन के बाद ‘आमरण उपोषण‘ पर बैठने को कहा गया । किंतु उसके लिए हमें पूरा दिन भाग दौड़ करना पड़ा। जिसमें उखऊ से पूर्ण जांच नजदीकी थाने से एनओसी लेकर रात में सुरक्षा मुहैया कराई जाए इसका निवेदन भी दिया। कमला मार्केट पोलिस ठाने में भी हमें अपनी संपूर्ण जानकारी देनी पड़ी जिसके लिए हमें ठाने में करीब तीन घंटे बिताने पड़ें थे।
अंतत हमें दिनांक २६ दिसंबर को शाम के ८:०० बजे से ‘आमरण उपोषण‘ की अनुमति प्राप्त हो गई। जिसकी शुरूआत ठीक निर्धारित समय पर लोधी इंजि राजीव ठकरेले द्वारा कर दी गई। २ घंटे पश्चात रात १०:०० बजे पुलिस तथा उखऊ का संयुक्त निरीक्षण दौरा हुआ जिसमें उन्होंने हमारे स्थल की संपूर्ण जानकारी अपने पास दर्ज कर ली लेकिन उसके कुछ ही घंटों बाद रात करीब १:३० से २:०० बजे के भीतर पुलिस की एक गाड़ी में सवार चार जवान धरना स्थल पर आए और उन्होंने सुरक्षा तथा अंधेरे का हवाला देते हुए हमें जबरदस्ती आंदोलन स्थल से भगाने का प्रयत्न किया। जब हमने अपनी बात उनके सामने रखी तो उन्होंने हमारी एक न सुनी आखिरकार हमें गाड़ी में बिठा कर वहां से खदेड़ दिया गया। लेकिन उन्होंने सबसे पहले हमारे हाथ से एनओसी लेकर अपने कब्जे में कर ली। इसके बाद भी इंजि राजीव ठकरेले का आमरण उपोशन जारी ही। दूसरे दिन दिनांक २७ दिसंबर को केंद्र सरकार के मुख्य कार्यालय उद्योग भवन एवं निर्माण भवन के बीचो-बीचएक बगीचे में अपना उपोषण कार्यक्रम प्रारंभ किया ताकि मंत्री, सांसद, और प्रशासनिक अधिकारियों को अपनी मांगों से अवगत करा सकें । लेकिन कुछ ही घंटे पश्चात वहां की दिल्ली पुलिस धरना स्थल पर पहुंच कर हमें जबरदस्ती खदेड़ने लगी। जिसमें उन्होंने उपोषण करता लोधी राजीव ठकरेले तथा लोधी संदीप नागपुरे को अपने साथ हिरासत में लेकर करीब ३ घंटे पुलिस कस्टडी में रखा तथा उनसे लिखित में आश्वासन लिया कि अब इस सप्ताह में कहीं भी दिल्ली के किसी भी जगह पर आंदोलन /धरना करेंगे। साथ ही पुलिस ने अपने समक्ष करीब दोपहर ३.३० बजे लोधी राजीव ठकरेले को चाय पिलाकर उनका आमरण उपोषण भी तुड़वाया। इस संपूर्ण घटना में फिल्म एक्टर लोधी राकेश राजपूत जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए पूरा समय देकर आंदोलनकारियों पर केस दर्ज नहीं होने दिया।
अपनी संविधानिक अधिकार की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे लोधी इंजि राजीव ठकरेले और उनके साथियों के साथ जो व्यवहार सरकार तथा पोलिस द्वारा कीया गया उससे तो ऐसा लगता है कि अब देश में लोकतंत्र ही खत्म हो गया है। आगामी मध्यप्रदेश तथा छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में संपूर्ण देश का लोधी समाज एकजुट होकर अपने मतों का सदुपयोग करेगा और झुमलेबाजो को सबक सिखाएगा। इसके लिए लोधी समाज महाराष्ट्र तथा झारखंड पहल करेंगा।