प्रो कबड्डी के लिए मशहूर होते जा रहा भजेपार चषक

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– युवाओं के साथ ही महिलाएं भी दिखाती हंै हुनर
गोंदिया-  मिट्टी से जुड़ा हुआ कबड्डी का खेल इन दिनों हर भारतीयों के रुह में बसा हुआ है। क्रिकेट के बढ़ते साम्राज्य से यह देशी खेल लुप्त हो रहा था। लेकिन प्रो कबड्डी के बाद फिर से यह खेल काफी लोकप्रिय होने लगा है। पुरुषों की प्रो कबड्डी तो अक्सर कई गांवों में देखने को मिलती है। लेकिन पुरुषों सहित महिलाओं की भी कबड्डी स्पर्धा देख अन्य महिलाओं का भी इस खेल के प्रति रुझान बढ़ते जा रहा है। सालेकसा तहसील के भजेपार नामक गांव में गत ७ वर्षों से कबड्डी की परंपरा चलते आ रही है। जो भजेपार चषक के नाम से ख्यातनाम है। जनवरी में होने वाली इस प्रतियोगिता का पूरे जिलेवासियों के साथ ही अन्य राज्यों के लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है।
एक ओर शासन की ओर से स्वदेशी खेलों को बनाए रखने के लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही आज शहर की युवा पीढ़ी क्रिकेट के प्रति रुची रख रही है। ऐसे में भजेपार गांव एकजुट होकर कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन करता है। इससे गांव के ही नहीं तो जिले सहित अन्य राज्यों के युवाओं में कबड्डी के प्रति रुची बढ़ जाती है। कबड्डी खेल का आयोजन सिर्फ इसलिए नहीं किया जाता है कि इससे मनोरंजन हो, इसका मुख्य उद्देश्य युवाओं में स्वदेशी खेलों के प्रति जनजागरण करना भी होता है। अब तक गांव के दो खिलाड़ी राज्य स्तर की कबड्डी प्रतियोगिता में भी हिस्सा ले चुके हैं। क्षेत्र के खिलाड़ी जो राज्य व राष्ट्रीय कबड्डी प्रतियोगिता में अपना शानदार प्रदर्शन करते हैं, ऐसे खिलाडिय़ों का सम्मान भी बड़ी हस्तियों के उपस्थिति में किया जाता है। जिसे देख अन्य खिलाडिय़ों में भी खेल के प्रति रुची निर्माण होती है। कबड्डी स्पर्धा के साथ ही अन्य समाजोपयोगी विभिन्न उपक्रम भी गांववासी चलाते हैं। जिससे भजेपार गांव आदर्श गांव के सामने से पहचाना जाता है। इस वर्ष भी ६ से ८ जनवरी २०१८ के दौरान भव्य ओपन महिला-पुरुष कबड्डी स्पर्धा का आयोजन किया गया है। जिसमें खिलाडिय़ों का हौसला बुलंद करने व उनका सत्कार करने के लिए बैंगलोर बुल्स संघ के प्रो कबड्डी प्लेयर प्रीतम छिल्लर व बंगाल वारियर्स संघ के प्रो कबड्डी प्लेयर शशांक वानखेड़े को आमंत्रित किया गया है। इनकी उपस्थिति में क्षेत्र के खिलाडिय़ों को खेलों के प्रति मार्गदर्शन व पुरस्कार का वितरण किया जाएगा। स्थानीय सूर्याेदय क्रीड़ा मंडल, नवयुवक कबड्डी क्लब, संवेदना बहुद्देशीय संस्था व ग्राम पंचायत तथा ग्रामवासी गत ७ वर्षों से यह परंपरा बड़ी शान से चला रहे हैं। महिलाओं को यहां कबड्डी खेलते देख सभी आश्चर्यचकित हो जाते हैं। विशेष आयोजन से ही भजेपार चषक अब मशहूर होने लगा है।
महिलाओं को मिलता है सम्मान
पहले महिलाएं चूल्हा व चौका तक ही सीमित रहती थी। ग्रामीण क्षेत्रों में तो हुनर रहने के बावजूद भी महिलाएं सामने नहीं आती थीं। गत ७ वर्षों से प्रौढ़ महिलाओं को कबड्डी खेलने का अवसर प्रदान कर उन्हें सम्मान दिया जा रहा है। भजेपार गांव में होने वाली कबड्डी प्रतियोगिता से प्रेरित होकर अब धीरे-धीरे अन्य गांवों में भी महिला कबड्डी स्पर्धा का आयोजन किया जा रहा है।
समाज कार्य में युवाओं की रुची
भजेपार गांव के युवाओं ने गांव में विभिन्न सामाजिक उपक्रम शुरु कर जिले में आदर्श निर्माण करने का काम किया है। गांव में श्रमदान से अध्ययन कक्ष बनाकर अनेकों की जिंदगी संवारी, श्रमदान से ही गांव में बगीचा बनाकर गांव के सौंदर्य में चारचांद लगाए। इसके साथ ही पौधारोपण, रक्तदान, नेत्रदान, अंधश्रद्धा निर्मुलन हो या कोई भी सामाजिक उपक्रम। हमेशा ही यहां के युवा सामने आते रहे हैं। युवाओं के हर पहल की सराहना करते हुए ग्रामवासी भी तन-मन-धन से उन्हें सहकार्य करते हैं। इसी वजह से यहां के हर उपक्रम जिले के लिए आदर्श बनते जा रहे हैं।
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