लौट आया 8 फीसदी से ऊंची ग्रोथ का दौर

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नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा शुक्रवार को संसद में पेश इकोनामिक सर्वे में आगामी वित्त वर्ष 2015-16 में अर्थव्यवस्था की विकास दर 8.1 से 8.5 फीसदी रहने की उम्मीद जताई गई है। चालू वित्‍त वर्ष 2014-15 के लिए 7.4 फीसदी की विकास दर के अनुमान के साथ सर्वे में कहा गया है कि अर्थव्यवस्था संकट के दौर से उबर चुकी है और उसमें बेहतरी के संकेत दिख रहे हैं। महंगाई के मोर्चे पर हालत सुधरने की बात तो कही गई है लेकिन कृषि क्षेत्र में विकास दर को तेज करने के लिए सुधारों की वकालत इसमें की गई। मैन्यूफैक्चरिंग में सुधार दिखने लगा है और निवेश बढ़ रहा है लेकिन इसमें तेजी के लिए एमएसएमई को बढ़ावा देने और श्रम सुधारों की वकालत सर्वे में की गई है। इसी तरह सर्वे में चालू खाता घाटा को मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी का 1.3 फीसदी रहने की बात है।
महंगाई दर 5 से 5.5 फीसदी रहने का अनुमान
वित्त वर्ष 2015-16 के लिए महंगाई दर 5 से 5.5 फीसदी रहने की बात कही गई है। सर्वे रिजर्व बैंक के महंगाई लक्ष्य को हासिल करने की बात कह रहा है। ऐसे में ब्याज दरों में कमी आने की संभावना नए वित्त वर्ष से बढ़ गई है, जिसका सीधा फायदा इकोनॉमी को मिलेगा।
रेलवे पूरा करेगा मेक इन इंडिया का सपना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी अभियान मेक इन इंडिया को पूरा करने में भारतीय रेल अहम भूमिका निभाएगी। ऐसा इकोनॉमी सर्वे में कहा गया है। उसके अनुसार मैन्यूफैक्चरिंग इंडस्ट्री की रेलवे तस्वीर बदल सकता है। हालांकि, इसके लिए जरूरी है कि सार्वजनिक खर्च बढ़ाया जाए। जिससे अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिलेगा। इसके बावजूद सर्वे ने प्राइवेट इनवेस्टमेंट की भूमिका को नजरअंदाज नहीं करने की भी बात कही है।
तेज विकास के लिए सुधारों को जारी रखना जरूरी
मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमन्यन द्वारा तैयार इस सर्वे में आर्थिक सुधारों की गति जारी रहने की बात कही गई है। सर्वे में कहा गया है कि चालू साल में देश की अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार आया है। नई सीरीज के तहत जारी राष्ट्रीय आय के आंकड़े ने साबित किया है कि सुधार का रुख अनुमान से बेहतर रहा है। लेकिन आने वाले दिनों में निवेश की पुख्ता जमीन घरेलू बचत और निवेश के बेहतर अनुपात पर ही तैयार होगी। हालांकि निर्यात के मोर्चे पर स्थिति संतोषजनक नहीं है।