ग्लूकॉन डी और सर्फ एक्सेल के पैकेट्स में 10 करोड़ का ड्रग्स

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भोपाल। मप्र-छत्तीसगढ़ जोन के नारकोटिक्स कंट्रोल बोर्ड (एनसीबी) इंदौर ने मादक पदार्थ की तस्करी के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। केरला एक्सप्रेस में सफर कर रहे दो लोगों से करीब 25 किलो एफेड्रिन नामक नशीला पदार्थ जब्त किया हैं। जिसका अंतरराष्ट्रीय बाजार मूल्य फिलहाल 10 करोड़ रुपए तक बताया जा रहा है। पिछले दो दिनों से चल रही इस कार्रवाई में एनसीबी ने दिल्ली में भी कुछ लोगों को इसी मामले में गिरफ्तार किया हैं।
इस ड्रग की तस्करी बूस्ट, कॉम्पलेन, गूल्कोनडी, सर्फ एक्सल, टाइड डिटर्जेंट पावडर जैसी कंपनियों के प्रोडक्ट के डिब्बे और रैपर में की जा रही थी। इन्हे 24 व 25 फरवरी की दरमियानी रात 2.30 बजे इटारसी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म 3 पर गिरफ्तार किया गया। यह ड्रग को चेन्नई के रास्ते मलेशिया ले जाने की तैयारी थी, इसलिए कहा जा रहा है कि यह अंतरराष्ट्रीय ड्रग माफिया से जुड़ा मामला हैं। इस कार्रवाई को करने वाली टीम क्षेत्रीय निर्देशक बीआर मीणा सहित 10 अन्य कर्मचारी शामिल थे। इस टीम को आरपीएफ इटारसी ने कार्रवाई करने में मदद दी हैं।
दिल्ली से कर रही थी एनसीबी फॉलो
सूचनाओं के आधार पर केरला एक्सप्रेस के एसी कोच ए-1 में यात्रा कर रहे दो युवकों को एनसीबी की टीम दिल्ली से लगातार फॉलो कर रही थी। ट्रेन के भोपाल आने के बाद टीम ने इन युवकों के सामान की तलाशी शुरू की थी। जिसमें इन युवकों के हैंड बैग और ट्रॉली बैग में विभिन्न कंपनियों के प्रोडक्ट के डिब्बे और रैपर मिले।
बूट्स डिब्बे के एक्सट्रा वजन से पकड़ाया ड्रग
तलाशी में एनसीबी की टीम ने यह देखा कि बूट्स के डिब्बे का वजन प्रिंट तो 500 ग्राम था लेकिन इसका वास्तविक वजन करीब सवा किलो महसूस हो रहा था। डिब्बा खोलकर देखा गया तो इसमें शक्कर के जैसा पावडर बाहर आया। इसके बाद सर्फ के पैकेट और अन्य डिब्बे व रैपर खोलकर देखे तो सभी में यही स्थिति मिली।
इटारसी स्टेशन पर उतारकर आरपीएफ में लाए
ट्रेन से इन्हें गिरफ्तार करने की सूचना आरपीएफ को दी गई और ट्रेन के प्लेटफार्म 3 पर आते ही इन्हे आरपीएफ की कस्टडी में उतारा गया और लाकर आरपीएफ थाने में बंद किया गया। इसके बाद नारकोटिक्स टीम ने पूछताछ की और सप्लायरों की जानकारी लेकर देश में अन्य जगह पर कार्रवाई के लिए सूचनाएं दी गई।
आरोपी केवल अंग्रेजी और तमिल बोल रहे
जिन दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया उनके नाम का खुलासा तो एनसीबी ने नहीं किया, लेकिन यह दोनों युवक तमिल और अंग्रेजी में ही बातचीत कर रहे थे। चूंकि यह दोनों दिल्ली से चेन्नई जा रहे थे, इसलिए संभावनाएं यह है कि दोनों केवल ड्रग्स ले जाने वाले माध्यम हैं इसमें सप्लायर और खरीददार अन्य लोग हो सकते हैं।