नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर में बीजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने वाली पीपल्स डेमोक्रैटिक पार्टी (पीडीपी) विवादित बयान दे रही है। ताजा मामले में पीडीपी के सात विधायकों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि संसद हमले में मौत की सजा पा चुके अफजल गुरु का शव वापस किया जाए। एक बयान जारी कर इन विधायकों ने कहा है कि अफजल को फांसी देकर न्याय का मजाक उड़ाया गया था। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब पीडीपी ने अफजल गुरु का शव मांगा हो। 2001 में संसद पर हुए हमले के दोषी अफजल गुरु को फरवरी 2013 में फांसी दी गई थी। उसका शव तिहाड़ जेल में ही दफना दिया गया था।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के राज्य में शांतिपूर्ण चुनाव को लेकर दिए गए बयान को लेकर भले ही केंद्र सरकार को संसद में सफाई देनी पड़ी है, लेकिन
सईद अब भी अपने बयान पर कायम हैं। जम्मू-कश्मीर के नए मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने कहा है कि वह पाकिस्तान पर दिए अपने बयान से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने अपने बयान का बचाव करते हुए कहा है कि पिछले चुनाव में हुर्रियत ने उस तरह का हस्तक्षेप नहीं किया जैसा वे पहले करते रहे हैं। रविवार को दिए गए मुफ्ती के बयान के बाद संसद में सोमवार को जमकर हंगामा हुआ। अपने बयान पर कायम सईद ने सोमवार को कहा कि मीडिया ने बात को तिल का ताड़ बना दिया। सईद ने कहा कि पाकिस्तान और हुर्रियत ने भारत में लोकतंत्र को मान्यता दी है और उन्होंने चुनाव के दौरान उस तरह का हस्तक्षेप नहीं किया जैसा कि वे करते रहे हैं। सईद ने रविवार को शपथ लेने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण चुनाव के लिए पाकिस्तान, हुर्रियत कांफ्रेंस और आतंकी संगठनों को भी श्रेय दिया जाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने चुनाव के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया।
बीजेपी-पीडीपी गठबंधन कायम रहेगा: महबूबा
इस बीच, पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि उनकी पार्टी और बीजेपी का गठबंधन कायम रहेगा। महबूबा के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अबदुल्ला अब केवल ट्वीट ही कर सकते हैं और अगले छह साल तक उनके पास ट्वीट करने के लिए काफी वक्त है। महबूबा ने यह बयान उमर अब्दुल्ला के उस ट्वीट के बाद दिया है जिसमें उन्होंने कहा था, ‘क्या मुफ्ती ने फैसला कर लिया है कि मोदी-मुफ्ती समझौता एक भूल थी और ‘बाप-बेटी’ की जोड़ी बीजेपी को गठबंधन तोड़ने के लिए मजबूर कर देंगे?’
संसद में घिरी सरकार
मुफ्ती के बयान को लेकर सोमवार को विपक्ष ने लोकसभा में जमकर हंगामा किया। मुफ्ती ने रविवार को कहा था कि अलगाववादियों, पाकिस्तान और आतंकवादियों ने मिलकर जम्मू-कश्मी में चुनाव के लिए बेहतर माहौल तैयार किया। मुफ्ती के बयान पर कांग्रेस ने पीएम नरेंद्र मोदी से सफाई मांगी है। इस बीच संसद में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मुफ्ती के बयान को दरकिनार करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग, सैन्य बल को श्रेय जाता है।