बालाघाट मे बागी बिगाड़ सकता है सियासी गणित,चुनाव ड्यूटीपर 3 का निधन

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बालाघाट।मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान सुबह 7:00 बजे 13491 मतदान केंद्रों में शुरू हो गया। मध्यप्रदेश में 3 बजे तक 55.25% प्रतिशत मतदान हुआ। सीधी में 46.85 प्रतिशत, शहडोल में 55.87 प्रतिशत, जबलपुर में 53.87 प्रतिशत, मंडला में 55.89 प्रतिशत, बालाघाट में 60.18 प्रतिशत और छिंदवाड़ा में 59.87 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ।मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव ने बताया कि मतदान से पहले सभी मतदान केंद्रों में मॉक पोल किया गया जिसमें 57 बैलट यूनिट 56 कंट्रोल यूनिट और 147 वीवीपैट खराब होने के कारण बदले गए इसके बाद मतदान शुरू हुआ।

मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान सुबह 7:00 बजे 13491 मतदान केंद्रों में शुरू हो गया। मध्यप्रदेश में 3 बजे तक 55.25% प्रतिशत मतदान हुआ। सीधी में 46.85 प्रतिशत, शहडोल में 55.87 प्रतिशत, जबलपुर में 53.87 प्रतिशत, मंडला में 55.89 प्रतिशत, बालाघाट में 60.18 प्रतिशत और छिंदवाड़ा में 59.87 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ।मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव ने बताया कि मतदान से पहले सभी मतदान केंद्रों में मॉक पोल किया गया जिसमें 57 बैलट यूनिट 56 कंट्रोल यूनिट और 147 वीवीपैट खराब होने के कारण बदले गए इसके बाद मतदान शुरू हुआ।बालाघाट जिले के लांजी थाना क्षेत्र में निर्दलीय प्रत्याशी किशोर समरीते ने थाने पहुंचकर सूचना दी कि नक्सलियों ने उनका वाहन रोका और वाहन में आग लगा दी हालांकि वाहन में बैठे सभी लोग सुरक्षित हैं इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है हाकफोर्स को तत्काल प्रभाव से वहां भेजा गया है सुरक्षा व्यवस्था की रणनीतिक विवेचना की जा रही है पूरे क्षेत्र में हाई अलर्ट कर दिया गया है सशस्त्र बल की तैनाती पूरे क्षेत्र में की गई है घटना लांजी थाना क्षेत्र के चोरेला गांव के पास दुर्गा माता मंदिर के निकट की बताई जा रही है इसके अलावा छिंदवाड़ा विधानसभा चुनाव ड्यूटी कर रही महिला कर्मचारी सुनंदा कोचेकर की देर रात हार्ट अटैक से मतदान केंद्र में ही मृत्यु हो गई वहीं सीधी में मोबाइल सेक्टर में ड्यूटी दे रहे एएसआई गब्बू लाल यादव का भी हार्ट अटैक से निधन हो गया।

बालाघाट लोकसभा सीट पर सुबह सात बजे से वोटिंग हो रही है। दोपहर एक बजे तक इस सीट पर 46 फीसद से ज्यादा मतदान हो चुका है। मतदान के लिए ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्रों में लोगों के भीतर उत्साह देखने को मिल रहा है। इस दौरान पूरे जिले में शांतिपूर्ण तरीके से मतदान होने की खबर है। केशा में मतदान केंद्र बूथ क्र 20 में वधु ज्योति बिसेन पिता मेघराज बिसेन ने बिदाई के साथ अपने मताधिकार व् जिम्मेदार नागरिकता का फर्ज निभाते हुए मतदान किया।दुल्हन अपना अमूल्य समय निकाल कर मतदान करने पहुंची तो इसी तरह अपने पिता के घर से विदाई के दौरान एक दुल्हन मतदान करके अपने ससुराल के लिए रवाना हुई।बता दें कि इस सीट से भाजपा ने मौजूदा सांसद बोध सिंह भगत का टिकट काटकर ढाल सिंह बिसेन को भाजपाने मैदान में उतारा है। इससे नाराज होकर बोध सिंह भगत निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं कांग्रेस ने मधु भगत को मौका दिया है। दोनों ही प्रत्याशियों ने आज सुबह वोट डाला।कंकर मुंजारे सपा-बसपा की युती से तो पुर्व विधायक किशोर समरिते निर्दलीय के रुप मे मैदान मे है।

2009 में हुए चुनाव में यहां भाजपा प्रत्याशी ने 21115 वोट अधिक हासिल किए थे। जबकि हारजीत का अंतर 40819 था। इसी प्रकार यहां 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने बरघाट-सिवनी दोनों विधानसभाओं में 75431 वोट कांग्रेस से प्राप्त किए थे। जबकि यहां हारजीत का अंतर 96041 वोट का अंतर था।बालाघाट-सिवनी संसदीय सीट की 8 विधानसभाओं में 3 में भाजपा का वर्चस्व है। बालाघाट,परसवाड़ा व सिवनी विधासभाओं में भाजपा के विधायक हैं। जबकि लांजी,बैहर,बरघाट,कटंगी में कांग्रेस के विधायक हैं। वहीं वारासिवनी विधानसभा में कांग्रेस समर्थित विधायक हैं। इस लिहाज से वर्तमान में 8 में से 5 सीटों में कांग्रेस काबिज है। जबकि इस लोकसभा सीट पर 1998 से लगातार भाजपा जीत हासिल करती चली आ रही है। करीब 47 साल बालाघाट संसदीय सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा है। 1998 में हारने के बाद कांग्रेस इस सीट पर अपनी वापसी नहीं कर पाई है।

संसदीय क्षेत्र क्रमांक-15 में परिसीमन के बाद बालाघाट संसदीय सीट पर सियासी समीकरण बदल गए हैं। इस सीट पर बालाघाट जिले की विधानसभाएं भले ही ज्यादा हों और मतदाता भी ,पर इस सीट पर सिवनी जिले की दो विधानसभाएं निर्णायक साबित हो रही हैं। बरघाट-सिवनी की लीड पिछले दो चुनाव से यहां लीडर तय कर रही है। लिहाजा जो भी प्रत्याशी इन विधानसभाओं में बढ़त हासिल कर रहा है,वह जीतता आ रहा है।पिछले दो चुनावों के परिणामों के मुताबिक इस सीट पर लगातार सिवनी-बरघाट में भाजपा बड़े अंतर से बढ़त लेती चली आ रही है। जिसे बालाघाट जिले की 6 विधानसभाएं भी नहीं पाट पा रही हैं। इसी के चलते हारजीत का गणित लगा रहे राजनीतिक दलों से जुड़े लोग भी पिछले परिणाम और इस सीट पर बगावत के बाद बदली परिस्थितियों को लेकर असमंजस में पड़ गए हैं। इस क्षेत्र पवार समाज के बाद लोधी समाज एव माली मरार समाज का वर्चस्व है।इसमे पवार समाज से 3 उम्मिदवार होने से मुंजारे इन्हे लाभ होने की बात कही जा रही ।