किसानों को धान बिक्री के भुगतान का इंतजार;युवा स्वाभिमान ने दी आंदोलन की चेतावनी

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गोंदिया,05 जुलाईः- जिला मार्केटिंग फेडरेशन एवं आदिवासी विकास महामंडल द्वारा संचालित धान खरीदी केंद्रों पर जिले के हजारों किसानों ने खरीफ मौसम एवं ग्रीष्मकालीन धान की बिक्री की। ३ से ४ माह बीतने के बावजूद सैकड़ों किसानों को खरीफ मौसम के धान बिक्री की राशि नहीं मिली। ग्रीष्मकालीन धान बिक्री का भुगतान भी नहीं हुआ। जिससे जिले के सैकड़ों किसान परेशानी से जूझ रहे हैं। इन सभी किसानों को एक सप्ताह के भीतर भुगतान नहीं किया गया तो संबंधित कार्यालयों के सामने ठिय्या आंदोलन करने की चेतावनी युवा स्वाभिमान संगठन की ओर से जिलाधिकारी को दी गई है।
युवा स्वाभिमान के जिलाध्यक्ष जितेश राणे के नेतृत्व में संगठन के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी को ५ जुलाई को राज्य के मुख्यमंत्री के नाम संबोधित एक ज्ञापन सौंपा। जिसमें कहा गया है कि किसानों को समर्थन मूल्य पर आधारित धान खरीदी केंद्रों पर धान बिक्री करने का आह्वान सरकार द्वारा जरुर किया गया है। लाखों क्ंिवटल धान की खरीदी भी की गई। लेकिन धान खरीदी के पश्चात भुगतान के लिए किसान आदिवासी विकास विभाग एवं जिला मार्केटिंग फेडरेशन कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। खरीफ मौसम के धान का भुगतान अब तक नहीं होने से इसी वर्ष के खरीफ मौसम की तैयारियों का खर्च कैसे करें? इस समस्या से किसान घिर चुके हैं। सैकड़ों किसानों ने ग्रीष्मकालीन धान की बिक्री की थी। उन्हें भी आज तक धान की राशि नहीं मिली है। हजारों किसान बोनस के इंतजार में है। खरीफ मौसम की धान बुआई जोरों पर चल रही है। कुछ दिनों में रोपाई शुरु हो जाएगी। कृषि सामग्री, रासायनिक खाद, कीटनाशक, खेत मजदूरों की मजदूरी एवं अन्य कामों के लिए किसानों को खर्च आएगा। ऐसी स्थिति में उनके धान की राशि का भुगतान नहीं होने पर किसान संकट में आ गए हैं। एक सप्ताह के भीतर यदि सभी किसानों को धान की राशि नहीं मिली तो किसानों की मांगों को लेकर जिला मार्केटिंग फेडरेशन एवं आदिवासी विकास महामंडल कार्यालयों के सामने ठिय्या आंदोलन करने की चेतावनी संगठन ने दी है। साथ ही विधवा, निराधार, दिव्यांग लाभार्थियों का ६०० रुपए मानधन बढ़ाकर २ हजार रुपए प्रतिमाह करने की मांग भी संगठन की ओर से की गई है। ज्ञापन सौंपते समय युवा स्वाभिमान के जिलाध्यक्ष जितेश राणे, सुनील राऊत, जीवन शरणागत, पवन ब्राम्हणकर, सोमेश्वर तुरकर, जितेश बिसेन, पवन ब्राम्हणकर, उमेश यादव, विजय भगत, विनोद हेमणे, जगदीश हेमणे, महेंद्र हरिणखेड़े, सुनील भोंगाड़े आदि उपस्थित थे।