लांजी जनपद अंतर्गत जनशिक्षा केंद्रों में आयोजित की गई स्वच्छ भारत अभियान निबंध प्रतियोगिता

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लांजी(श्रेयष तिडके)। जनपद मुख्यालय लांजी अंतर्गत विभिन्न ग्रामों के जनशिक्षा केंद्रो में स्कूली विद्यार्थियों ने स्वच्छ भारत अभियान निबंध प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। विशेष उल्लेखनीय है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की क्रांतिकारी अभियानों में से एक ‘स्वच्छ भारत अभियान’ अपने आप में अनूठा है। भारत सरकार की यह पहल प्रशंसनीय है। आजकल इस मुद्दे पर आए-दिन चर्चा होती है। स्कूल-कॉलेजों में भी विभिन्न प्रतियोगिताओं और परीक्षाओं में यह विषय दिया जाने लगा है। चूंकि यह प्रधानमंत्री की विकास योजनाओं में से एक है। इसलिए यह अपेक्षा की जाती है कि शैक्षणिक स्तर पर सबको इसकी जानकारी रहे। यही कारण है कि स्कूली बच्चों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से शनिवार 11 सितंबर को यह निबंध प्रतियोगिता लांजी, मोहझरी, पोसेरा आदि जनशिक्षा केंद्र में आयोजित की गई ताकि उन्हे स्वच्छता की उपयोगिता की जानकारी हो।

विदित हो कि स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार की सराहनीय कोशिश है। देखा जाए तो, अपने आस-पास साफ-सफाई रखना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। अगर सभी को अपनी जिम्मेदारियों का आभास होता, तो इस अभियान की जरूरत ही नही पड़ती। इस बात को सभी बखूबी जानते है और निबंध में भी लगभग इससे मिलती जुलती बातों का स्कूली बच्चों के द्वारा जिक्र भी किया गया। स्वच्छ भारत के विषय में कहा जब बात निकलती है तो कचरा फैलाने वालों को आज शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है जिसका कारण है इस अभियान के कारण लोगों में जागरूकता का प्रादुर्भाव हुआ है।

बता दें कि प्रधानमंत्री बनने के बाद माननीय नरेन्द्र मोदी जी ने गांधी जयंती के अवसर पर 02 अक्टूबर 2014, को इस अभियान का आगाज़ किया था। भारत को स्वच्छ करने की परिवर्तन कारी मुहिम चलाई थी। भारत को साफ-सुथरा देखना गांधी जी का सपना था। गांधी जी हमेशा लोगों को अपने आस-पास साफ-सफाई रखने को बोलते थे। स्वच्छ भारत के माध्यम से विशेषकर ग्रामीण अँचल के लोगो के अंदर जागरूकता पैदा करना है कि वो शौचालयों का प्रयोग करें, खुले में न जाये। इससे तमाम बीमारियाँ भी फैलती है, जो कि किसी के लिए अच्छा नहीं है। इस अभियान का प्रथम उद्देश्य है कि देश का कोना-कोना साफ सुथरा हो, लोगों को बाहर खुले में शौच करने से रोका जाए जिसके तहत हर साल हजारों बच्चों की मौत हो जाती है और भारत के हर शहर और ग्रामीण इलाकों के घरों में शौचालय का निर्माण करवाया जाए।