फर्जी वीडियो दिखाने पर अब इन पत्रकारों पर चले देशद्रोह का मुकदमा

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एबीपी न्यूज और टीवी टुडे ने जेएनयू में देशद्रोही नारे लगाने वाले नकली वीडियो को एक्सपोज कर दिया है. तो जल्लाद की तरह चीख कर कन्हैया को देशद्रोही का फरमान सुनाने वाले दीपक चौरसिया, आईबीएन के सुमित अवस्थी और जी न्यूज के सुधीर  चौधरी के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा जरूर बनता है.deepak.sumit

इर्शादुल हक, एडिटर नौकरशाही डॉट कॉम

उधर एनडीटीवी पर रवीश कुमार ने अपने कार्यक्रम प्राइम टाइम में टीवी स्क्रीन को ब्लैक करके पश्चाताप जता कर पत्रकारिता का भरम रखने की तो कोशिश की, पर सवाल है कि बिन जांचे- परखे, बल्कि जानबूझ कर नकली वीडियो को एक्सक्लुसि वीडियो बता कर दस दिनों तक देश के  मानस में, कुछ लोगों के खिलाफ विष बो कर देश के साथ  कितनी बड़ी  गद्दारी की गयी. दीपक चौरसिया से ले कर एंकर सुमित अवस्थी तक के ऐसे रवैये पर गंभीर चर्चा की जरूरत है.

इन एंकरों के कारण हिंसक हुआ देश

इन एंकरों की घृणित करतूतों का ही असर था कि पटियाला हाउस कोर्ट परिसर में वकील हिंसक हो उठे. इस हिंसक भीड़ ने पत्रकारों को पीटा, इन्होंने कन्हैया पर जानलेवा हमला किया. हद तो तब हो गयी जब सुप्रीम कोर्ट के वकीलों की टीम इस हिंसा का जायजा लेने गयी तो उस पर हमला बोला गया. ऐसे में झूठी और फरेबी खबरों से इन टीवी चैनलों ने देश में हिंसक माहौल खड़ा कर दिया. पूरा देश उद्वेलित रहा. गांव, शहर, नुक्कड़ और गांवों में प्रदर्शन होने लगे. पटना में भी पत्रकारों पर हमला हुआ. ऐसे में  चैनलों के इन एंकर-सम्पादकों के खिलाफ निश्चित ही देशद्रोह का मामला बनता है.

देखिए फर्जी वीडियो पर एबीपी न्यूज का खुलासा ( लिंक फेसबुक लागआन करने पर खुलेगा)

लेकिन दूसरी तरफ जब जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया पर दीपक चौरसिया ने अपने चैनल पर बुला कर जल्लाद की तरह चीख चीख कर जबरन गुनाह कुबूल करवाने की कोशिश की तो यह साफ लग रहा था जैसे स्क्रीन पर बैठा कोई तानाशाह बोल रहा हो. इस इडियट बाक्स के तानाशाह पत्रकारों ने देश को टुकड़े-टुकड़े करने, देशद्रोह फैलाने, लोगों को उकसाने और हिंसा का माहौल बनाने की घृणित करतूत की. इनकी इन करतूतों पर अगर ये पत्रकार देश से हजार बार भी माफी मांगे तो उनका गुनाह बख्शे जाने के लायक नहीं हैं.

इसी तरह जी न्यूज का एंकर सुधीर चौधरी, जिन्हें पहले ही जिंदल ग्रूप से सौ करोड़ रुपये रिश्वत मांगने का वीडियो दुनिया देख चुकी है. आईबीएन चैनल का एंकर सुमीत अवस्थी  जेएनयू के रिसर्च स्कालर उमर खालिद को अपने चैनल पर बिठा कर एक तानाशाह की तरह चीख-चीख कर उसे देशद्रोही होने की घोषणा करता रहा. सुमीत, चौरसिया और न जाने और कितने टीवी एंकरों ने इस मामले में बिना साबित हुए देशद्रोही, आतंकवादी और गद्दार जैसे फरमान जारी किये.

तो सवाल यह है कि जिन कन्हैया कुमार के खिलाफ न पुलिस को कोई सुबूत मिला और न ही टीवी पत्रकारों को, फिर भी उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा हुआ. लेकिन दुनिया भर ने इन इन ऐंकरों को झूठ-मनगढ़त आरोप, फोटोसाप से बदली गयी तस्वीरों और वीडियो का सहारा ले कर देश में गृहयुद्ध जैसे हालात बना दिया. जबकि चैनल पर कन्हैया साफ कहते हुए देखे गये कि यह सारी करतूत आरएसएस के छात्र संगठन एबीवीपी की है तो इस पर दीपक चौरसिया ऐसे तिलमिलाते दिखे जैसे वह संघ के प्रचारक हों. अदालत इस मामले को देख रहा है. अभी सुनवाई शुरू भी नहीं हुई कि ये पत्रकार जज की भूमिका में आ गये.

अधिक तर चैनल हैं दोषी

वैसे शायद ही कोई चैनल हो जो इस फर्जी वीडियो को नहीं दिखाया हो. किसी ने ज्यादा हल्ला किया तो किसी ने कम. लेकिन खैर मनाइए कि इन्हीं में से कुछ ने सच्ची वीडियो दिखायी लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी.

पुलिस कमिशनर बस्सी दिखायें साक्ष्य

इसी तरह देशद्रोह के मामले में बिना किसी पर्याप्त सुबूत के दिल्ली पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी ने सारे देश में कोहराम मचा दिया अब उनके खिलाफ भी जांच होनी चाहिए. और अगर वह गलत साबित होते हैं तो उनके खिलाफ भी देश में युद्ध जैसे हालात पैदा करने, माहौल को हिंसक बनाने और सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करने का मामला दायर किया जाना चाहिए.(साभार नोकरशाही डाट काम)