शिवसेना के साथ दिखी सरकार

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आज की तुलना में कांग्रेस के जवाहर लाल नेहरू और बी.आर. आंबेडकर जैसे नेता कहीं ज्यादा बुद्धिमान थे, जिन्होंने मूल प्रस्तावना में सेक्युलर और सोशलिस्ट जैसे शब्द नहीं जोड़े थे। -रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय मंत्री

चुनाव तक ही चुप्पी, फिर घर वापसी
1 आईऐंडबी मिनिस्ट्री के राज्यमंत्री राज्यवर्द्धन सिंह राठौर ने सफाई में कहा कि यह संविधान की मूल प्रस्तावना है।

2 बीजेपी की तरफ से कहा गया कि यह डिजाइनिंग की गलती है।

3 पीआईबी की तरफ से कहा गया कि 1976 का संशोधन उपलब्ध ही नहीं था। उसी साल संविधान में संशोधन करके प्रस्तावना में ये दोनों शब्द जोड़े गए थे।
कांग्रेस ने बोला हमला

कांग्रेस ने विज्ञापन में संविधान की प्रस्तावना से सेक्युलर, सोशलिस्ट जैसे शब्दों के गायब होने को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा है और इस बारे में सरकार से तुरंत माफी की मांग की। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संविधान की प्रस्तावना से इन दोनों महत्वपूर्ण तत्वों का गायब होने को संविधान जैसे ग्रंथ के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश करार दिया। कांग्रेस का मानना है कि सेक्युलर और सोशलिस्ट जैसे विचार बीजेपी की मूलभूत विचारधारा से मेल नहीं खाते, इसलिए इनके गायब होने पर लोगों के दिमाग में शक उभरना स्वाभाविक है। सुरजेवाला का कहना था कि बीजेपी के गठन से लेकर आज तक इन दोनों मुद्दों पर बीजेपी की निष्ठा, मंशा और मकसद पर लोगों को शक रहा है, इसलिए इस गलती को डिजाइनिंग या आर्टिस्ट की गलती करार देना भी कांग्रेस की नजर में एक तरह से पर्दा डालने जैसा है।
गैर-धर्म के लोगों की हिंदू धर्म में ‘घर वापसी’ का मसला दिल्ली चुनाव के ठीक बाद जोर पकड़ सकता है। हिंदू महासभा दिल्ली में और धर्म जागरण मंच व बजरंग दल यूपी में घर वापसी के बड़े कार्यक्रम की तैयारी कर रहे हैं। हिंदू महासभा दिल्ली में करीब 200 परिवारों की घर वापसी कराएगी। इनमें तकरीबन 150 परिवार इस्लाम से और बाकी ईसाई धर्म से हिंदू धर्म में आएंगे। हिंदू महासभा के राष्ट्रीय महासचिव मुन्ना कुमार शर्मा ने कहा कि हम दिल्ली ऑफिस में अक्सर 1-2 परिवारों की घर वापसी करवाते रहते हैं। लेकिन दिल्ली चुनाव के बाद हम हवन का बड़ा कार्यक्रम आयोजित करेंगे, जिसमें तकरीबन 200 परिवारों की घर वापसी कराएंगे। धर्म जागरण मंच और बजरंग दल भी यूपी में घरवापसी के बड़े कार्यक्रम की तैयारी कर रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली चुनाव तक उन्हें शांत रहने को कहा गया है, इसलिए अभी गुपचुप तरीके से ही कार्यक्रम की तैयारी की जा रही है। एक नेता ने बताया कि दिल्ली चुनाव में कुछ उलटा असर न हो, इसलिए हमें फिलहाल कुछ न करने को कहा गया है। पर ग्राउंड वर्क जारी है। दिल्ली चुनाव खत्म होने के बाद हम एक बड़ा कार्यक्रम करेंगे। यह कार्यक्रम आगरा से कुछ दूरी पर किया जाएगा। यह उसी तरह का बड़ा कार्यक्रम होगा जिस तरह का अलीगढ़ में प्लान किया गया था।•प्रेट्र, नई दिल्ली

गणतंत्र दिवस के विज्ञापन विवाद पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि संविधान की प्रस्तावना से सेक्युलर जैसे शब्द हटाने की शिवसेना की मांग में कुछ भी गलत नहीं है। कांग्रेस पर हमला बोलते हुए प्रसाद ने कहा कि आज की तुलना में कांग्रेस के जवाहर लाल नेहरू और बी. आर. आंबेडकर जैसे नेता कहीं ज्यादा बुद्धिमान थे, जिन्होंने मूल प्रस्तावना में सेक्युलर और सोशलिस्ट जैसे शब्द नहीं जोड़े थे। शिवसेना नेता संजय राउत की मांग पर प्रसाद ने कहा कि अगर ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में कोई विचार रखता है तो इसमें गलत क्या है/ …क्या नेहरू को सेक्युलरिजम की समझ नहीं थी। ऐसे शब्द तो इमरजेंसी के दौरान जोड़े गए। अगर अब इस पर डिबेट हो रही है, तो नुकसान क्या है। उधर, हिंदुत्व के अजेंडे को जारी रखते हुए संघ परिवार दिल्ली विधानसभा के चुनाव के बाद ‘घर वापसी’ को जारी रखेगा।
सेक्युलर और सोशलिस्ट शब्द हटाने का मुद्दा गरमाया