गरीबों के आर्थिक समावेश पर मोदी का जोर

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मुंबई-आरबीआई की स्थापना के 80 साल पूरे होने पर आयोजित फाइनैंशल इंक्लूजन कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने समाज के गरीब वर्ग को आर्थिक विकास से जोड़ने पर जोर दिया। पूरे भाषण के दौरान उनका जोर गरीबों के आर्थिक सशक्तीकरण, देश के आर्थिक विकास से गरीबों को जोड़ने और बैंकिंग सिस्टम को गरीबों के दरवाजे पर पहुंचाने पर रहा। उन्होंने गरीबों के घर तक बैंकिंग सिस्टम को पहुंचाने के लिए आरबीआई से 20 साल का रोडमैप तैयार करने को कहा। साथ ही आरबीआई और सरकार के बीच विवाद की तमाम खबरों के बीच पीएम ने आरबीआई गवर्नर और उनकी टीम को बधाई दी।

आर्थिक विकास में गरीबों की भागीदारी कैसे बढ़ाई जा सकती है, इस संदर्भ में उन्होंने प्रधानमंत्री जन-धन योजना का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि जन-धन योजना से गरीबों की अमीरी का पता चलता है कि जीरो बैलेंस से खाता खुलने के बावजूद भी उनलोगों ने अपने खाते में कुछ न कुछ पैसे जमा किए जिससे बैंकों में 14,000 करोड़ रुपये आए। इससे हम प्रेरणा हासिल कर सकते हैं।
गरीब वर्ग के द्वारा किए जाने वाले श्रम पर प्रकाश डालते हुए पीएम मोदी ने कहा कि गरीब वर्ग को सिर्फ आपकी प्यार भरी बातों से ही संतोष हो जाता है। इस संबंध में उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि आपको अपने सिस्टम को नंबर वन, नंबर टू और नंबर थ्री एंप्लॉयीज को खुश रखने के लिए कितनी जतन करनी पड़ती है लेकिन एक वर्ग 4 के कर्मचारी को कुछ नहीं चाहिए होता है। उनको सिर्फ प्यार से बोलते हैं उसमें ही संतोष हो जाता है। हमें उनके इस समर्पित भाव का उपयोग देश के विकास में करना चाहिए और अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान में करना चाहिए।