ओबीसी विद्यार्थियों के लिए संशोधन प्रशिक्षण संस्था स्थापित हो

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संभाजी बिग्रेड ने जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
गोंदिया := महाराष्ट्र में ओबीसी विद्यार्थियों की संख्या बढ़ते जा रही है। राज्य के गरीब व जरुरतमंद विद्यार्थियों को यूपीएससी, एमपीएससी, एनडीए के साथ ही विविध परीक्षाओं में पिछड़ा प्रवर्ग के विद्यार्थियों को नि:शुल्क संशोधन, प्रशिक्षण के लिए मार्गदर्शन मिलना चाहिए। महाराष्ट्र के आर्थिक दृष्टि से दुर्बल, ओबीसी, एनटी व एसबीसी प्रवर्ग के विद्यार्थियों के विद्यार्थियों की गुणवत्ता बढ़ रही है और इनकी संख्या में भी वृद्धि हो रही है। ओबीसी विद्यार्थियों को सम्मानजनक न्याय मिलना चाहिए। आर्थिक दृष्टि से दुर्बल घटकों व उच्च शिक्षा लेने के लिए लगन रखने वाले ओबीसी विद्यार्थियों को अवसर मिले, इसके लिए महाराष्ट्र में ओबीसी विद्यार्थियों के लिए स्वतंत्र ओबीसी संशोधन प्रशिक्षण व मानव विकास संस्था स्थापित की जाए। इस तरह की मांग संभाजी ब्रिगेड की ओर से की गई है। वहीं मांग का ज्ञापन ५ जुलाई को जिलाधिकारी गोंदिया को सौंपा गया है।
ज्ञापन में कहा गया है कि राज्य सरकार की ओर से खेती पर आधारित ओबीसी, एनटी, एसबीसी प्रवर्ग के विद्यार्थियों को संशोधन, प्रशिक्षण पर नि:शुल्क मार्गदर्शन मिलना चाहिए। दिल्ली की स्पर्धा परीक्षा की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों को भी इसका लाभ मिलेगा। सारथी संस्था में मराठा व कुणबी जाति का समावेश है। इस समाज के विद्यार्थियों की संख्या अधिक है। इसके लिए सारथी संस्था की तर्ज पर ओबीसी के लिए स्वतंत्र संस्था स्थापित की जाए। स्वतंत्र प्रशासकीय अधिकारी व विभाग तैयार किया जाए। ओबीसी संशोधन, प्रशिक्षण व मानव विकास संस्था को राष्ट्रमाता जिजाऊ माँ साहेब, राजमाता अहिल्याराणी होलकर, स्वराज्य संगठक मल्हालराव होलकर में से कोई भी एक नाम दिया जाए। यह समाज हित का होगा। लेकिन ओबीसी संशोधन, प्रशिक्षण व मानव विकास संस्था स्वतंत्र तौर पर स्थापित करना आवश्यक है। इस तरह की मांग ज्ञापन के माध्यम से की गई है। ज्ञापन सौंपते समय संभाजी ब्रिगेड के गोंदिया जिल्हा अध्यक्ष क्रांती ब्राह्मणकर ,कैलाश भेलावे, अतुल खोब्रागड़े, रवि भांडारकर, सुनील तरोणे, सुनील भोंगाड़े, अतुल सतदेवे, चंदन धुवारे, नदीम खान, तोशिफ खान, जावेद कुरैशी, वसीम खान, धनेंद्र भुरले, रिजवान शेख, जुबेर खान आदि उपस्थित थे।