मीनाक्षी एक्सप्रेस को ब्राॅडगेज का इंतजार

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अमरावती,। कांचीगुडा-अजमेर एक्सप्रेस (मीनाक्षी एक्सप्रेस)। पांच राज्याें को जाेड़ने वाली यह ट्रेन अब भी विस्तारीकरण के काम को पूरा हाेने का इंतजार कर रही है। वहीं पांच वर्ष पूर्व तक इस ट्रेन से सफर करने वाले यात्री भी इसी इंतजार में हैं कि यह ट्रेन फिर शुरू हो जाए आैर उनकी दिक्कतें कम हाे जाए। अमरावती संभाग के अकोला-आकोट और धूलघाट से होते हुए खंडवा के रास्ते अजमेर पहुंचने वाली यह ट्रेन विस्तारीकरण व जनप्रतिनिधयांे की उदासीनता के कारण पांच साल पहले बंद हो गई। इस रूट को को मीटर ग्रेज से ब्राडगेज बनाया जा रहा है, पर यह काम अब तक पूरा नहीं हो सका है। फिलहाल कांचीगुडा से हैद्राबाद तक ब्राडगेज का काम पूर्ण हो चुका है। अकोला से महू तक का काम अभी बाकी है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बाघ प्रकल्प की सीमा में कुछ मार्ग आने के कारण काम की गति कम हुई है। सन 2013-14 के रेल बजट में इस ट्रेन के लिए 1800 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। हालांकि इस संबंध में अमरावती के सांसद आनंदराव अड़सुल और यवतमाल-वाशिम की सांसद भावना गवली ने तत्कालीन रेल मंत्री सदानंद गौड़ा से रेल विस्तारीकरण के लिए पत्र व्यवहार कर चुके हैं।
50 से 5 किमी प्रतिघंटा हो गई गति: आजादी मिलने पर 1952 में वह मध्य रेल से जुड़ तो गई, लेकिन उसे वह अधिकार तथा रुतबा नहीं मिला, जो भारतीय रेल को प्राप्त है। अालम यह है कि रेल मार्ग के रखरखाव के अभाव में 50 किलोमीटर रफ्तार से चलनेवाली इस ट्रेन की गति 5 किलोमीटर प्रति घंटा कर दिया गया। ताकि लोग हैरान होकर ‘शकुंतला’ का साथ छोड़ दें। गाड़ी क्रमांक 52137 (डाउन) अचलपुर स्टेशन से 11.30 बजे निकलती है। कभी इस ट्रेन से विदर्भ मिल में निर्मित सूत से लेकर रूई ढोई जाती थी, लेकिन ट्रेन की अनदेखी के चलते अब यह सिलसिला बंद हाे गया है।